भोपाल: कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे प्रदेश को 15 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने की कोशिश हो रही है, इसी बीच भोपाल में दो जूनियर डॉक्टरों से दो पुलिसकर्मियों की बदसलूकी के मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने अपने तौर तरीको को बदलने की कोशिश की है.
DGP वीके जौहरी ने राज्य के सभी SP को पत्र लिखकर आगाह कियाा है कि यदि लॉकडाउन के दौरान उनके इलाके में पुलिसकर्मियों ने किसी से मारपीट या दुर्व्यवहार किया तो इसके लिए सीधे वो ही जिम्मेदार माने जाएंगे. DGP ने लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराते हुए नरमी बरतने के लिए सभी जिलों के SP को अपने मातहत पुलिस-कर्मियों को समझाने की सलाह दी है.
DGP वीके जौहरी ने शुक्रवार को सभी एसपी को पत्र लिख कर कहा है कि वे अपने जिले के पुलिस बल को लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराये जानें के लिए समझाएं, लेकिन किसी के साथ मारपीट या दुव्यर्वहार नहीं करें.
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इसके अलावा DGP ने सख्त आदेश देते हुए कहा कि डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मचारियों व आवश्यक सेवा में लगे कर्मचारियों और मेडिकल सामग्री आपूर्ति वाहनों को न रोकें. मीडिया कर्मियों को भी उनकी Id देखकर अनुमति दें.
आपको बता दें कि DGP ने यह फैसला कोरोना वायरस मरीजों की सेवा में लगे एम्स भोपाल के दो जूनियर डॉक्टर्स के साथ हुई मारपीट के बाद लिया है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले दिनों पुलिस कर्मियों पर दो जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था.
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दोनो डॉक्टर्स शाम को ड्यूटी के बाद अपने घर लौट रहे थे. रास्ते में दो पुलिस कर्मियों ने उनसे रोककर पूछताछ की. आरोप है कि आईडी कार्ड दिखानें के बाद भी उन्हें घर नहीं जाने दिया गया और उनके साथ मारपीट की गई.
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