Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में मध्य प्रदेश की बात करें तो MP में 6 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में वोटिंग होनी है. मध्यप्रदेश की पहले चरण की इन 6 सीटों में से 3 लोकसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला भी है. हालांकि छिंदवाडा की बात करें तो लोकसभा चुनाव में तीसरा दल हार-जीत में हो सकता है अपनी अहम भूमिका साबित करे, छिंदवाडा के अलावा 2 सीटों पर बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) में सीधा मुकाबला है. जिन तीन सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बना है, उनमें से 1 सीटें आरक्षित हैं, जबकि 2 सीट सामान्य है.
सीधी, बालाघाट और मंडला लोकसभा सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में जबलपुर (Jabalpur), शहडोल (Shahdol), छिंदवाड़ा (Chhindwara), सीधी (Sidhi), मंडला (Mandla) और बालाघाट (Balaghat) में वोटिंग होनी है, जिनमें से सीधी (Sidhi), बालाघाट (Balaghat) और मंडला (Mandla) में त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा है, और छिंदवाड़ा में भी तीसरा दल अहम भूमिका निभा सकता है.
जबलपुर और शहडोल की बात करें तो यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच ही दिखाई दे रहा है, अब ऐसे जहां जहां मुकाबला त्रिकोणीय होता दिखाई दे रहा है, वहां बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने नए सिरे से भी समीकरण जमाने की कवायद में जुटी हुई है
बालाघाट में पत्नी कांग्रेस विधायक, पति बसपा प्रत्याशी
बालाघाट विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होता दिखाई दे रहा है, क्योंकि बालाघाट की विधानसभा सीट से कांग्रेस की विधायक अनुभा मुंजारे (Anubha Munjare) के पति कंकर मुंजारे (Kankar Munjare) बसपा के टिकट पर बालाघाट से लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं.
अनुभा मुंजारे पत्नी धर्म निभाएंगी या पार्टी धर्म?
इसके अलावा भाजपा और कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस ने यहां सम्राट सरस्वार (Samrat Saraswar) को अपना प्रत्याशी बनाया है और बीजेपी की बात करें तो भाजपा ने डॉ. भारती पारधी (Dr. Bharti Pardhi) को अपना प्रत्याशी बनाया है. यही वजह है कि जिससे यहां पर लोकसभा चुनाव 2024 में मुकाबला त्रिकोणीय है. सबसे ज्यादा परेशान फिलहाल कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे नजर आ रही हैं, क्योंकि वह पार्टी के पक्ष में प्रचार में जुटी हैं, लेकिन उनके पति बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में वह पत्नी धर्म निभाएं या पार्टी धर्म इसको लेकर समस्या है.
दमदार हैं बसपा प्रत्याशी
बालाघाट लोकसभा सीट पर हो रहे चुनाव में बसपा प्रत्याशी की दमदार उपस्थिति सामाजिक और राजनीतिक मंच पर धड़ल्ले से दिख रही है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी तो अपने आप में अहम हैं, लेकिन बसपा प्रत्याशी कंकर मुंजारे की अपनी अमूल्य अनुभव से भरी प्रोफ़ाइल के साथ उतार-चढ़ाव को सामने लेकर आ रहे हैं।
बसपा के इतिहास में गर्व का अध्याय
बसपा के प्रत्याशी कंकर मुंजारे ने अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी कला और नेतृत्व का परिचय दिया है। वह तीन बार विधायक रहे हैं और एक बार लोकसभा सांसद भी बन चुके हैं। इसके अलावा, उनके नेतृत्व में बसपा की विदायकों में सफलता की कहानी लोकसभा सीट पर भी उजागर होती है।
विकट मुकाबला
बालाघाट लोकसभा सीट पर हो रहे चुनाव में दर्शकों को एक रोमांचक और विकट मुकाबला देखने को मिलेगा। बसपा के प्रत्याशी कंकर मुंजारे के अनुभव और कार्यकर्ताओं की मेहनत ने उन्हें इस सीट पर एक अग्रणी प्रत्याशी बना दिया है। उनके बनाए हुए नेतृत्व में बसपा ने इस सीट पर मजबूती से कदम रखा है।
मंडला में गोंगपा करेगी खेला
मंडला लोकसभा सीट पर गोंगपा उम्मीदवार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उनकी उपस्थिति आदिवासी समुदाय के बीच आत्मविश्वास और आकर्षण बढ़ा सकती है। महेश कुमार वट्टी के साथ मुकाबले में गोंगपा के उम्मीदवार ने व्यापक उपस्थिति का वादा किया है, जो इस सीट पर एक मजबूत प्रतिस्पर्धा बना सकता है।
आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित मंडला लोकसभा सीट पहले चरण की हाईप्रोफाइल सीटों में शामिल हैं, क्योंकि बीजेपी की तरफ से मोदी सरकार में मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते फिर से चुनाव मैदान में हैं, वहीं कांग्रेस ने अपने सीनियर विधायक ओमकार सिंह मरकाम को उतारा है, दोनों प्रत्याशियों के बीच यह दूसरा मुकाबला है, इससे पहले 2014 में कुलस्ते ने मरकाम को चुनाव हराया था.
लेकिन गोडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी महेश कुमार वट्टी यहां दोनों प्रत्याशियों का गेम बिगाड़ सकते हैं. क्योंकि मंडला में गोंगपा का असर माना जाता है, महेश कुमार वट्टी कई नाट्य और लघु फिल्मों में काम कर चुके हैं, वट्टी एमए, एलएलबी पास हैं, जबकि गोंडी साहित्यकार भी हैं.
इससे मंडला और डिंडौरी जिले में वह युवाओं के बीच लोकप्रिय नजर आते हैं. यही वजह है कि गोंगपा ने उन्हें टिकट दिया है. मंडला में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है, जिसमें गोंगपा की अहम भूमिका होगी.
BJP के बागी ने डेढ़ी की सीधी की राह
सीधी लोकसभा सीट पर शुरुआत में मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही नजर आ रहा था. लेकिन बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देकर गोंगपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं, ऐसे में बीजेपी नेता की बगावत से यहां भी मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा है.
बीजेपी ने यहां डॉ. राजेश मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को प्रत्याशी बनाया है, ऐसे में अजय प्रताप सिंह के मुकाबले में आ जाने से चुनाव रोचक दिख रहा है, क्योंकि अजय प्रताप सिंह की क्षेत्र में पकड़ मानी जाती है.
सीधी में जातिगत समीकरण अहम
सीधी लोकसभा सीट पर भी जातिगत समीकरण अहम है। इस सीट पर ब्राह्मण, ठाकुर, और ओबीसी वर्ग के प्रत्याशी हैं, जो वोटों के धुर्वीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस त्रिकोणीय मुकाबले में बसपा के प्रत्याशी कंकर मुंजारे की उपस्थिति भी महत्वपूर्ण है, जो जातिगत समीकरण में एक महत्वपूर्ण ताकत बन सकती है।
छिंदवाड़ा में भी गोंगपा उपयोगी
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भी आदिवासी वोटर्स का अहम योगदान हो सकता है। इस सीट पर गोंगपा प्रत्याशी देवीराम भलावी के प्रति विशेष आकर्षण है, जो उनके पिछले चुनावी प्रदर्शन के कारण है। इससे चुनाव में एक और रोमांचक तकरार उठ सकती है।
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर यूं तो सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस में नजर आ रहा है, एक तरफ कांग्रेस सांसद नकुलनाथ अपना गढ़ बचाने में जुटे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी के विवेक बंटी साहू दिल्ली जाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं, लेकिन दोनों के बीच गोंगपा प्रत्याशी देवीराम भलावी भीअहम भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में गोंगपा प्रत्याशी ने अच्छे खासे वोट लिए थे, जिसका सीधा फायदा कांग्रेस प्रत्याशी को हुआ था और वह चुनाव जीतने में सफल रहे थे. छिंदवाड़ा की तीन सीटें अमरवाड़ा, जुन्नारदेव और पांढुर्णा में आदिवासी वोटर्स सबसे ज्यादा हैं. ऐसे में यहां गोंगपा प्रत्याशी का सीधा असर रहता है.