जबलपुर : जबलपुर में लांग प्रूफ रेंज से टैंक भेदी बमों के चोरी होने के मामले में जबलपुर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है | पुलिस ने इस मामले में एक कबाड़ी को गिरफ्तार किया है| पुलिस के अनुसार इस चोरी के पीछे कबाड़ियों के संगठित गिरोह का हाथ है|
मामला, दरअसल 24 फरवरी को पुलिस में शिकायत हुई थी कि लांग प्रूफ रेंज से कोई शख्स तोप के 3 गोले चुराकर ले गया है. यह सूचना मिलते ही पुलिस भी हैरान हो गई थी, क्योंकि यहाँ लांग प्रूफ रेंज में देश की दो सबसे शक्तिशाली तोपों सारंग और धनुष की टेस्टिंग होती है और यहां सेना का कड़ा पहरा रहता है. ऐसे में यहां से तोप के गोले चोरी होने की खबर से पुलिस ने मामले की गम्भीरता समझते हुए जांच शुरू कर दी थी .
एडिशनल एसपी संजय अग्रवाल ने बताया कि जांच में सामने आया है कि चोर लैब में बनी खिड़की की ग्रिल तोड़कर तोप के 3 गोले चुराकर ले गए थे. इसके बाद चोरी करने वाले शख्स ने 3 टैंक भेदी बमों के उपकरणों से टंगस्टन पेनिट्रेटर नामक उपकरण निकाल लिया था और इसे कबाड़ में बेच दिया था .
एक खोल की कीमत 2 लाख रुपए
कबाड़ में धातु के खोल की अच्छी कीमत मिल जाती है. एडिशनल एसपी संजय अग्रवाल के मुताबिक मामले में एक शख्स को तो गिरफ्तार कर लिया है लेकिन आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती है. क्योंकि टैंक भेदी तोपों के गोले से जो टंगस्टन पेनिट्रेटर निकाला गया है वो कोई जानकर ही कर सकता है जो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है .
सूत्रों के मुताबिक एक खोल की कीमत 2 लाख रुपए बताई जा रही है. 24 फरवरी की रात में LPR के सूबेदार शंकर सिंह की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ धारा 457, 380 आईपीसी का केस दर्ज किया गया था. LPR की प्रयोगशाला से जिस तरह चोरों ने खिड़की की ग्रिल तोड़कर तोप के तीन खोल चोरी किए, उससे हड़कंप मच गया था. रक्षा मंत्रालय ने भी मामले को गंभीरता से लिया था और विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे. बहरहाल, एलपीआर प्रबंधन इस पर कुछ भी बोलने से बच रहा है.
फिलहाल इस मामले में पुलिस और सेना के अलावा रक्षा मंत्रालय की भी नज़र है. आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासा हो सकता है.