इंदौर : कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले महात्मा गांधी चिकित्सा (एमजीएम) कालेज में पदस्थ जूनियर डॉक्टर दीपक सिंह कोविड संक्रमण के कारण सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। जूनियर डाक्टर पिछले 10 दिनों से भर्ती थे और उनकी हालत काफी गंभीर थी, जानकारी के अनुसार उनके फेफड़े 80 प्रतिशत से ज्यादा खराब हो चुके थे।
इंटर्न डा. दीपक सिंह महाराजा यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल में पदस्थ थे और जब वे संक्रमित हुए तब वो अस्पताल में ड्यूटी कर रहे थे। डा. दीपक सिंह सतना के रहने वाले थे। उनके पिता किसान है और मां गृहिणी हैं। डा दीपक घर के सबसे बड़े बेटे थे और उन्होंने कक्षा 12 वीं के बाद दो साल डाक्टर बनने के लिए ड्राप लेकर पढ़ाई की। अभाव में रहकर भी उन्होंने पीएमटी की तैयारी की और 2010 में इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज में इनका चयन हुआ था।
जूनियर डाक्टर एसोसिएशन ने मांग की थी कि कोविड ड्यूटी करते समय हमारे इंटर्न जो संक्रमित हुआ है। उसे सारी इमरजेंसी दवाएं तुरंत प्रदान की जाएं। उसका पूरा ध्यान रखा जाए। जो डाक्टर खुद इस मुश्किल समय में खुद की जान को दांव पर लगाकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनके लिए प्रशासन व सरकार इलाज के लिए विशेष इंतजाम करें। ऐसे डाक्टरों के लिए अलग वार्ड, विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम, वेंटिलेटर, रेमडेसिविर व टासलीजुमेब जैसी इंजेक्शन उपलब्ध हों। डा. पूजा वर्मा के मुताबिक वो चाहते थे कि दीपक का चेन्न्ई या अन्य किसी बड़े चिकित्सा सेंटर पर ले जाकर इलाज किया जाए ताकि उनकी रिकवरी जल्द हो सकें।