बारिश के मौसम में हर किसी को घूमना पसंद है। कई लोग अपने परिवार के साथ पर्यटन स्थल घूमने जाते हैं और वहां की हरियाली का आनंद लेते हैं। ऐसे में आर्थिक राजधानी इंदौर में घने जंगल में एक गजब का एडवेंचर पार्क बना हुआ है।
इसमें अगर कोई व्यक्ति अपने परिवार के साथ भी जाए तो उनके रात रुकने के लिए यहां पर मिट्टी के मकान और झोपड़िया बनाई गई है। दरअसल हम बात कर रहे हैं इंदौर से कुछ ही दूरी पर उमरीखेड़ा एडवेंचर पार्क कि यहां पर पर्यटकों के लिए कई तरह की सुविधा देने की तैयारी की जा रही है।
190 हेक्टेयर में बना है ये पार्क
दरअसल 190 हेक्टेयर में फैले इस पार्क को शुरू करने के लिए वन विभाग की तैयारी अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। अनुमान यह है कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में पर्यटकों के लिए इस पार्क को खोल दिया जाएगा। इंदौर से कुछ ही दूरी पर उमरीखेड़ा एडवेंचर पार्क है। जंगल घूमने वालों के लिए 2 किलोमीटर का पैदल ट्रैक होगा।
इस पार्क में मिलती है ये सुविधा
इस पार्क में पर्यटकों को कई तरह की सुविधा मिलेगी। यहां पर ठहरने के लिए लोगों के लिए मिट्टी के घर बनाए गए हैं। इसके अलावा एडवेंचर एक्टिविटी के लिए यहां पर कैंप फायर की सुविधा भी है। वहीं इसमें प्रवेश करने के लिए पर्यटक को से महज 20 रुपये के शुल्क ली जाती है। फिलहाल यहां की सुविधाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अलावा यहां पर पौधों पर क्यूआर कोड भी लगाए गए हैं जिससे पर्यटक इन पौधों की जानकारी ले सकते हैं।
पेड़ों पर लगे है क्यूआर कोड
दरअसल मानसून में हर कोई अपने परिवार के साथ या तो पर्यटन स्थल घूमने के लिए जाता है या फिर ऐसे हरे जंगलों में हरियाली का आनंद लेते हैं, जहां पर उन्हें प्रकृति का आनंद मिल सके। ऐसे में जिस पार्क के बारे में हम बता रहे हैं यह काफी शानदार है और इसमें आने वाले पर्यटकों को अब कई तरह की सुविधा मिलेगी।
बता दें कि जंगल में पेड़ों की खूबसूरती नजर आती है इसके साथ ही पेड़ों पर क्यूआर कोड लगा दिए गए हैं, ताकि पर्यटन से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सके। इसके अलावा इस पार्क में तालाबों के पास पर्यटकों रूकने के लिए यह झोपड़ी बनाई है जिसमें वहां आसानी से रात रुक सकते हैं। इंदौर बन मंडल के डीएफओ नरेंद्र पंडवा की मानें तो पर्यटकों के लिए मिट्टी के घर के साथ ही टेंट की सुविधा भी रखी जाएगी।
बता दें कि इस पर्यटन स्थल में जंगल घूमने वालों के लिए 2 किलोमीटर का पैदल ट्रैक होगा। जिसमें पहाड़ी पर थोड़ी ऊंचाई का भी ट्रैक बनाया गया है। 6 किमी लंबा है और जंगल सफारी के लिए 10 किमी में घूमने की सुविधा भी जुटाई जा रही है। विभाग की सफारी शुरू करने योजना कुछ महीनों बाद की है। डीएफओ की माने तो जंगल सफारी के लिए पर्यटकों का रुझान देखने के बाद यहां जिप्सी चलाएंगे। हालांकि इस प्रोसेस में थोड़ा समय लग सकता है।