मध्य प्रदेश में इस समय शादियों का सीजन चल रहा है और इस दौरान कई तरह के अनोखे मामले देखने को मिलते हैं । इसी बीच एक और खबर सामने आई है जिसमें घोड़ी पर चढ़ने वालों को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल अगर अब कोई भी दूल्हा घोड़ी पर चढ़ते हुए और बैलगाड़ी से बारात लगाते हुए नजर आया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बारात में घोड़ी और गांव में बैलगाड़ी को प्रतिबंधित कर दिया है।
वहीं अगर बारात में कोई व्यक्ति घोड़ी का इस्तेमाल करता है तो उन्हें एनिमल वेलफेयर बोर्ड फरीदाबाद से लाइसेंस लेना पड़ेगा।
वहीं अगर गांव में बारात निकल रही है तो सुबह 11:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक बैलगाड़ी का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
कलेक्टर ने लिया इस तरह का फैसला
दरअसल इस समय शादियों का सीजन चल रहा है ऐसे में लोगों के लिए घोड़ी सबसे जरूरी होती हैं। बारात में जब दूल्हा घोड़ी पर बैठ कर जाता है ऐसे में अगर घोड़ी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है तो फिर इससे बुरी खबर और हो ही नहीं सकती है, लेकिन इसके लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं।
इस मामले में इंदौर की पीपल्स फॉर एनिमल के अध्यक्ष प्रियांशु जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने एक आदेश जारी कर दिया है जिसके अनुसार इस समय भीषण गर्मी का सीजन चल रहा है। ऐसे में इस तरह का फैसला लिया है।
नियमों का उल्लंघन करने पर होगी ये कार्रवाई
कलेक्टर के द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार अब सुबह 11:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक गाड़ी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हम इस मामले में काम कर रहे हैं जो लोग इस नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं जो लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके प्रमाण इकट्ठे करके कलेक्टर के पास पहुंचा रहे हैं। वर्तमान में कई तरह के मामले सामने भी आ रहे हैं।
घोड़ी और बेलगाड़ी के लिए लेना होगा लाइसेंस
इस समय देखा जाता है कि कई लोग अपने मनोरंजन के लिए या फिर रीति-रिवाजों में ऊंट घोड़ी और अन्य जानवरों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन इसके लिए अब कुछ नियम बना दिए गए हैं।
अगर कोई लोग इन पशुओं को अपने मनोरंजन में इस्तेमाल करते हैं तो इन्हें मनोरंजन परसों नियम 1993 के तहत एनिमल वेलफेयर बोर्ड फरीदाबाद से लाइसेंस लेना पड़ेगा ।
अगर कोई व्यक्ति लाइसेंस नहीं लेता है और शादी या किसी अन्य समारोह में जानवरों को नाच बातें हैं तो पशु क्रूरता अधिनियम 1969 की धारा 11 आईपीसी की धारा 428 429 के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी।
इसके साथ ही इस मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ 2 साल की सजा और जुर्माना भी लगाया जाएगा।