कांग्रेस के पूर्व मंत्री बोले- गांधी परिवार से वापस ले नेतृत्व तभी कुछ अच्छा होगा, सिंधिया का जाना भी दुर्भाग्यपूर्ण

By Khabar Satta

Published on:

Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर पहुंचे कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। असलम शेर खान ने अपनी ही पार्टी को आइना दिखाया तो वही केंद्र सरकार की नीतियों की भी आलोचना की। वहीं बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर भी कहा कि सिंधिया का बीजेपी में जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। सिंधिया के जाने से ही कमलनाथ सरकार गिरी है।

मोदी सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल…
किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार की मत मारी गई है जिस तरह से ये किसानों से डील कर रहें हैं। अगर ये किसानों के हित मे बिल नहीं है तो उनको इस बात को मानते हुए बिल रद्द करना चाहिए। इससे पहले भी राजीव गांधी के समय बोफोर्स का मुद्दा उठा था उस बात को मेरिट पर डील करने की बजाए उसको लीपापोती करने की कोशिश की गई तो उसका नतीजा ये हुआ कि राजीव गांधी जैसे पॉपुलर लीडर इलेक्शन हुआ तो सत्ता से बाहर हो गए। इसी प्रकार यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स का आंदोलन हुआ तो वीपी सिंह अपना फायदा देख रहे थे मंडल में और उस आंदोलन को संभाला नहीं किया उन्होंने, जब लड़कों पर सख्ती हुई उसका हश्र ये हुआ कि उनकी सरकार चली गई। इसी प्रकार अन्ना हजारे मूवमेंट में सिंपल सी बात थी कि करप्शन के खिलाफ केजरीवाल ने अन्ना के साथ छोटा सा आंदोलन शुरू किया था लोकपाल के लिए, अगर उस वक़्त कांग्रेस की सरकार लोकपाल ला देती तो वो मूवमेंट वहां रुक जाता, उसका नतीजा ये हुआ कि केजरीवाल की दिल्ली में बड़े लेवल पर एंट्री हो गई और देश मे मोदी जी ने उस एंटी कांग्रेस मूवमेंट को ध्यान में रख कर खुद को पेश किया कि मैं इसका हल करूंगा तो  उनकी सरकार बन गई इसलिए मुझे लगता है कि ये किसान आंदोलन मोदी सरकार के लिए बहुत भारी पड़ेगा इस बात का उनको अंदाज़ा नहीं है।

कांग्रेस का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष बाहरी होना चाहिए…
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष किसे बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ये बात पहले ही तय कर लेना थी कि 2009 में जीते थे उस वक़्त कोई पोलिटिकल प्राइम मिनिस्टर बनाना चाहिए था खास तौर पर प्रणव मुखर्जी थे अगर उन्हें बना देते तो कांग्रेस को ये दिन नहीं देखना पड़ते। इसी तरह जो भी अध्यक्ष बने उसको मौका दिया जाना चाहिए लेकिन जब इलेक्शन ही नहीं हो रहा 17, 18 साल से तो देश मे कांग्रेस का संगठन बहुत कमज़ोर पड़ गया है। बाहर का कोई अध्यक्ष बनना चाहिए, नेहरू गांधी के परिवार का अब सवाल रह ही नहीं गया और राहुल गांधी ने ये कह दिया था हमारे नेहरू गांधी परिवार से कोई नहीं बनेगा, बाहर से ही बनेगा तो अब किस बात की देरी है तो इस मसले को जल्दी से हल करना चाहिए।

यदि सिंधिया को रख लेते तो कमलनाथ सरकार नहीं गिरती…
वही मध्यप्रदेश में भी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर शेरखान ने कहा, ये कमलनाथ जी पर निर्भर करता है, कभी कभी ये लगता है कि कमलनाथ दिल्ली रहेंगे या मध्यप्रदेश में रहेंगे तो ये उन पर निर्भर है। सबसे बड़ी बात ये है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का जाना, अगर ये सिंधिया को रख लेते तो ये सरकार नहीं गिरती, सरकार गिरी है उनके जाने से, ये सरकार बनी है सिंधिया के समर्थन से सबसे ज़्यादा दुर्भाग्य की बात है कि जो चेहरा था, युवा फ्यूचर था जिन्हें मेजोरिटी कम्युनिटी में युवा पसन्द करते थे मैं समझता हूं कि कांग्रेस के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया का जाना सबसे बड़ा नुकसान था। मैंने कहा था कि अगर कोई अध्यक्ष नहीं बनना चाहता है तो मैं तैयार हूं मुझे दो साल का मौका दें।

अम्बानी अडानी के कांग्रेस से करीबियों पर शेर खान ने कहा की पनपे तो सभी है, धीरूभाई अंबानी कांग्रेस के समय ही बड़े है लेकिन अभी प्राइम मिनिस्टर की वजह से वित्तीय संस्थाएं उनके साथ खड़ी हैं इसलिए बड़ी संख्या में वे बढ़ गए हैं। कमलनाथ की भी अम्बानी अडानी से क़रीबी रहने के सवाल पर शेर खान ने कहा, अम्बानी तो कांग्रेस के ही बढ़ाए हुए थे लेकिन अब अडानी भी हैं और अडानी का तेजी से खेती की तरफ जाना ये बात किसानों को अच्छे से समझ मे आ रही है कि अडानी अम्बानी के लिए ये खेती का उनके पक्ष में बिल बनाया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट पर उन्होंने कहा कि बजट रूटीन है, पेंडेमिक के बाद बजट का लोगों को इंतज़ार था लेकिन बजट में कुछ खास है नहीं।

Khabar Satta

खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता

Leave a Comment