गर्मियों में होने वाली आम बीमारियों में हीट स्ट्रोक, शुष्क त्वचा, फटे होंठ, गर्मी से होने वाले चकत्ते, घमौरियां, सनबर्न और एलर्जी शामिल हैं, जिनमें वृद्धि देखी गई है और डॉक्टरों का दावा है कि हर परिवार में कम से कम एक व्यक्ति इन समस्याओं से पीड़ित है।
इंदौर (मध्य प्रदेश): गर्मी के मौसम में शहर के डॉक्टर त्वचा संबंधी बीमारियों में उल्लेखनीय वृद्धि देख रहे हैं। अस्पतालों ने विभिन्न त्वचा रोगों और सनबर्न से पीड़ित रोगियों की संख्या में 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। गर्मी के मौसम में होने वाली आम बीमारियों में हीट स्ट्रोक, रूखी त्वचा, फटे होंठ, हीट रैश, घमौरियां, सनबर्न और एलर्जी शामिल हैं और डॉक्टरों का दावा है कि हर परिवार में कम से कम एक व्यक्ति इन समस्याओं से पीड़ित है।
कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. राहुल नागर ने बताया कि मरीजों में सबसे ज्यादा शिकायतें रूखी त्वचा और सनबर्न की हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस गर्मी में फंगल संक्रमण के मामले अपने चरम पर हैं, जो सभी आयु समूहों को प्रभावित कर रहा है, खासकर वे लोग जो अक्सर बाहर रहते हैं।
वे इन त्वचा संबंधी समस्याओं को कम करने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करने और ढीले, हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने की सलाह देते हैं। इसी तरह, डॉ. संजय पंचोली ने गर्मी के मौसम को त्वचा के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण बताया।
उन्होंने बताया कि अत्यधिक तापमान और नमी के कारण पसीना बढ़ जाता है, जो पसीने की ग्रंथियों को अवरुद्ध कर सकता है और घमौरियों या हीट रैश का कारण बन सकता है, साथ ही बार-बार मुंहासे और त्वचा का लाल होना भी हो सकता है। डॉ. पंचोली ने त्वचा को सीधे यूवी किरणों से बचाने और किसी भी लगातार त्वचा संबंधी समस्या के लिए डॉक्टर से परामर्श करने के महत्व पर जोर दिया।
त्वचा रोगों से बचाव के उपाय
- सनस्क्रीन: सनबर्न और UV क्षति से बचाव के लिए नियमित प्रयोग
- वस्त्र: गर्मी और पसीने को कम करने के लिए ढीले, हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें
- हाइड्रेशन: त्वचा की नमी और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखना
- स्वच्छता: जीवाणु और फंगल संक्रमण को रोकने के लिए उचित स्वच्छता बनाए रखना
- चिकित्सा परामर्श: लगातार या गंभीर त्वचा की स्थिति के लिए तत्काल चिकित्सा सलाह लेना