भोपाल (मध्य प्रदेश): शहर के बाजार अलग-अलग डिज़ाइन और रंगों की राखियों से भरे पड़े हैं, लेकिन इस रक्षाबंधन पर राम मंदिर राखी की सबसे ज़्यादा मांग है। शहर के बाजारों में उपलब्ध मीनकारी डिज़ाइन वाली राम मंदिर राखियाँ लाल धागे, धातु के क्रिस्टल मोती और बहुरंगी मोतियों का उपयोग करके बनाई गई हैं।
अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की मूर्ति की छवि राखी के केंद्र में है, पृष्ठभूमि में राम मंदिर की प्रतिकृति है और उस पर जय श्री राम या श्री राम लिखा है। अयोध्या और मुंबई से लाई गई इन राखियों की कीमत 100 रुपये से शुरू होकर 150 रुपये प्रति राखियाँ तक जाती है। न्यू मार्केट में खेड़ापति मंदिर के पास स्थित अपनी दुकान के दुकानदार दीपक राठौड़ ने फ्री प्रेस को बताया कि राम मंदिर की राखियाँ बहुत लोकप्रिय हैं और इनकी बहुत माँग है।
दीपक कहते हैं, “हमने अयोध्या से दो अलग-अलग पैटर्न वाली करीब दो दर्जन राम मंदिर राखियाँ मंगवाईं और उनमें से ज़्यादातर बिक चुकी हैं। सिर्फ़ चार पीस बचे हैं।” मुरारी रायकवार ने बताया कि उन्होंने मीनाकारी डिज़ाइन वाली 50 दर्जन राम मंदिर राखियाँ खरीदी हैं। सिर्फ़ चार पीस बचे हैं।
रायकवार कहते हैं, “ग्राहक इन राखियों की मांग कर रहे हैं। हम अभी इन्हें खरीद नहीं सकते। इसलिए हमें मना करना पड़ रहा है।” इसके अलावा, वृंदावन श्री कृष्ण, बाबा बर्फानी, रुद्राक्ष और बीज राखियों की भी मांग है। “ग्राहक राम, कृष्ण और शिव जैसे हिंदू देवताओं पर आधारित राखियों की मांग कर रहे हैं।
अंकित राठौड़ कहते हैं, “पहली बार बाजार में लंबी डोरी वाली रुद्राक्ष राखी आई है। पिछले साल के मुकाबले इस बार राखियों की कीमत में 10% की बढ़ोतरी हुई है।” सेवा भारती गोबरशिल्प स्वयं सहायता समूह, भोपाल की प्रीति राठौड़ कहती हैं कि उन्होंने पर्यावरण और गायों को बचाने के लिए फल और सब्जियों के पौधों के बीजों से बनी गोबर की राखियाँ बनाई हैं। उन्होंने कहा, “हमने हाल ही में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की कलाई पर भी बीज राखी बाँधी।”