भोपाल। देश की राजधानी दिल्ली में आजादी के नारे लगा कर पूरे देश में लोकप्रियता बटोरने वाले गुजरात के युवा नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने कांग्रेस पार्टी (Congress Party) से इस्तीफा दे दिया है।
हार्दिक पटेल का कांग्रेस को छोड़ना कांग्रेस पार्टी के लिए तो झटका है ही लेकिन इसके साथ ही दिग्विजय सिंह के लिए दिल तोड़ देने वाली बात भी है। मध्यप्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) और कमलनाथ (Kamal Nath) को हार्दिक पटेल से बड़ी उम्मीद थी।
ये तो पूरा देश ही जानता है कि रिटायरमेंट की उम्र में कांग्रेस पार्टी (Congress) का बोझ उठा रहे बुजुर्ग नेताओं में सिर्फ दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ऐसे हैं जो पूरे भारत में घूम-घूम कर युवाओं (Youth) को कांग्रेस पार्टी (Congress Party) से जोड़ने की कोशिश करते हैं।
मध्यप्रदेश में भी सन 2018 के चुनाव में शिवराज सिंह चौहान सरकार (Shivraj Singh Chouhan Government) के खिलाफ प्रभावी आंदोलन करने वाले सभी युवाओं को उन्होंने कांग्रेस पार्टी के समर्थन में लाकर खड़ा कर दिया था।
बताया जाता है कि एक यूनिवर्सिटी कैंपस में आजादी के नारे लगा कर भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर आए हार्दिक पटेल को कांग्रेस में शामिल करवाने वालों की लिस्ट में दिग्विजय सिंह का नाम टॉप पर आता है।
इसका फायदा मध्यप्रदेश में भी होने वाला था। एक समाज विशेष को कांग्रेस पार्टी के लिए कन्वेंस करने हेतु बिना झंडे के प्रचार पिछली बार भी कराया गया था।
दिग्विजय सिंह का दिल टूटने वाली बात है, इस बार वही हार्दिक पटेल अपने समाज से भाजपा के लिए अपील करेंगे।