MP ELECTION 2023: कांग्रेस पार्टी को कुछ शहरी नक्सली चलाते हैं, नारों से लेकर नीतियों तक; BHOPAL में PM MODI ने की CONGRESS की आलोचना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं के महाकुंभ समारोह में बोलते हुए कांग्रेस की आलोचना की। इस समारोह के माध्यम से उन्होंने कांग्रेस के नक्सली संबंधों और नारों को गंभीरता से उठाया।
भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस कार्यक्रम में शामिल हुए. बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला.
नरेंद्र मोदी ने कहा, जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो यह बीमारू राज्य था. कांग्रेस सरकार गंदी राजनीति, कुशासन और करोड़ों के भ्रष्टाचार के लिए जानी जाती थी। लेकिन, अब मध्य प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस खोखली हो गई है.
मध्य प्रदेश के कांग्रेस काल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तो यह बीमारू राज्य था।” उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने गंदी राजनीति, कुशासन, और भ्रष्टाचार के लिए जानी जाती थी।
मध्य प्रदेश का परिवर्तन
मोदी ने मध्य प्रदेश के विकास को बड़ा महत्वपूर्ण माना और कहा, “लेकिन अब मध्य प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है।” उन्होंने इसका मुख्य कारण कांग्रेस की अनुपस्थिति में देखा।
कांग्रेस की स्थिति
कांग्रेस के जमीनी नेता पिछले कुछ समय से शांत बैठे हैं, और मोदी ने इसके बारे में बताया, “कांग्रेस पहले बर्बाद हुई, फिर कंगाल हो गई।” उन्होंने कांग्रेस को एक कंपनी की तरह चलाने की बात की।
कांग्रेस के नक्सली संबंध
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के नक्सली संबंधों पर भी बोला और कहा, “कांग्रेस का ठेका अब कुछ अर्बन नक्सलवादियों के साथ है।” उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और कांग्रेस के नक्सलवादी अधिकारियों के बारे में चर्चा की।
कांग्रेस की नीतियां
मोदी ने कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या आप जानते हैं कांग्रेस का ठेका किससे आयात करती है? कांग्रेस के जमीनी नेताओं को अब एहसास हो रहा है कि उनकी पार्टी जमीन पर खोखली है।”
प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण से स्पष्ट होता है कि वह कांग्रेस पार्टी के नक्सली संबंधों और नीतियों को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कांग्रेस के जमीनी नेताओं की निष्कृष्टता को भी उजागर किया और कांग्रेस के नारों से लेकर नीतियों तक की आयात को लेकर सवाल उठाए।