बालाघाट। बालाघाट जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर कहीं घाटी में टाटा मैजिक के साथ मिले शव की पहचान हो चुकी है वह आरोपी शिक्षक ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है ।
पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी ने बताया कि 2 दिन पहले जिस दिन चले शॉप को नवेगांव थाना के बंदरिया निवासी जितेंद्र ठाकरे के रूप में पहचान कर उसके परिजन उसका अंतिम संस्कार कर चुके थे वह दरअसल जितेन ठाकरे था ही नहीं बल्कि जितेन ठाकरे द्वारा हत्या किया गया भरवेली निवासी दिलीप सोनवानी था।
ऐसे किया हत्या
जितेन्द्र ठाकरे ने बताया कि घटनाक्रम वाले दिन उसने बालाघाट के राज घाट चौक स्थित मजदूर मिलने वाले स्थान से एक अपने कद गाटी के व्यक्ति को अपनी टाटा मैजिक में बैठा था और कंजेई घाटी ले गया। जहां पर जितेंद्र द्वारा उस व्यक्ति की हत्या कर दी गई क्योंकि लालबर्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने इस बात का पहले ही खुलासा कर दिया था कंजेई में मिले शव की जलने से नही खून की कमी से हुई है और उसके के पीठ के पीछे चोट के निशान थे। जिस कारण यह स्पष्ट हो गया था कि उस व्यक्ति की हत्या की गई है। पुलिस की यह पूरी स्टोरी गले नहीं उतर रही थी किस व्यक्ति की हत्या की गई है और कैसे व्यक्ति वहां जाकर जलकर मर गया। लिहाजापूरे मामले पर बारीकी से जांच शुरू की गई और आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
यह था पूरा मामला
अपने कबूल नामा में जितेंद्र बताया कि 20 लाख का बीमा क़िस्त पर लिए हुआ मकान, टाटा मैजिक और एक कार इन सब की किस्त जमा करने के बाद घर चलाना उसके लिए मुश्किल हो रहा था। इसलिए उसने सोचा कि क्यों ना किसी अपने शक्ल के व्यक्ति को मार दिया जाए और उससे मिलने वाली राशि से परिवार वालों को पैसा मिल जाता।