ब्रेकिंग: बालाजी अस्पताल का पंजीयन निरस्त, मरीजों को छुट्टी मिलते ही लगेगा ताला – MP NEWS

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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गुना : शहर के बालाजी अस्पताल का पंजीयन बुधवार को निरस्त कर दिया गया है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की छुट्टी होने के बाद ताला जड़ दिया जाएगा। इस संबंध में सीएमएचओ ने एक पत्र भी बालाजी अस्पताल के संचालक को लिख दिया है।

इसमें चेतावनी दी गई है कि अगर अस्पताल प्रबंधन नए मरीजों को भर्ती करता है या नियत अवधि में अस्पताल बंद नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सिटी कोतवाली में मामला दर्ज कराया जाएगा। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की टीम को जांच के दौरान अस्पताल में कई गंभीर अनियमितताएं मिली थीं।

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बजरंगगढ़ रोड स्थित बालाजी अस्पताल की जांच सीएमएचओ डॉ. पी. बुनकर को सौंपी थी। डॉ. बुनकर ने बताया कि बालाजी अस्पताल में मप्र उपचर्या गृह तथा रूजोपचार गृह (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1997 के अनुसार 60 बिस्तरीय अस्पताल पर 4 चिकित्सक, 9 स्टॉफ नर्स और 10 एएनएम की उपलब्धता होनी चाहिए थी, लेकिन जांच के दौरान बालाजी अस्पताल में 2 ड्यूटी डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए। यहां पर डॉ. आरबी धाकड़ मेडीसन विशेषज्ञ और डॉ. मनोज गुप्ता ड्यूटी पर पाए गए।

स्टाफ नर्स और एएनएम अनुपात के अनुसार उपस्थित नहीं थे। साथ ही लैब टैक्नीशियन भी मौके पर नहीं मिला था। स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया कि बालाजी अस्पताल में एईआरबी में रजिस्ट्रेशन के बिना एक्स-रे मशीन का संचालन किया जा रहा था, तो मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्राधिकार अवधि 31 मार्च को समाप्त हो गई थी। इसके बाद भी कचरा निष्पादित कर रहे थे। अहम बात तो यह कि बालाजी अस्पताल संचालक ने अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया था।

तीन की अनुमति पर 12 ऑक्सीजन पलंग पर भर्ती मिले मरीज:

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब मौके पर जांच की तो सामने आया कि कलेक्टर ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए 3 ऑक्सीजन पलंग पर मरीजों के इलाज की अनुमति दी थी, लेकिन यहां पर 12 ऑक्सीजन पलंगों पर कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा था। अस्पताल संचालक ने एंबुलेंस की उपलब्धता के लिए अनुबंध किया था, लेकिन अनुबंध की शर्तें प्रदर्शित नहीं की।

साथ ही मौके पर फूड सेफ्टी लायसेंस भी नहीं मिला। औषधि निरीक्षक राधेश्याम बट्टी ने बालाजी अस्पताल में संचालित मेडिकल स्टोर की जांच की, तो सामने आया कि रजिस्टर्ड फॉर्मासिस्ट विवेक गुप्ता अनुपस्थित था। उनके स्थान पर सत्यदेव कुशवाह, जो कि वैध योग्यताधारी नहीं होते हुए भी दवाओं का विक्रय करते हुए मौके पर मिला।

दवाओं के रिकॉर्ड में भी गड़बड़ी, स्टॉक संधारण नहीं दिखा पाया प्रबंधन:

औषधि निरीक्षक ने जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि दवा लीबोफ्लॉक्स 500 इनफयूजन बैच नंबर ए-400486 अवसान तिथि नवंबर 2023 का विक्रय अभिलेख संधारित नहीं पाया गया। साथ ही अन्य दवाओं के स्टॉक संधारण की जांच भी औषधि विभाग की टीम ने की है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब बालाजी अस्पताल के सारे रिकॉर्ड खंगाले, तो इस दौरान बायोमेडिकल वेस्ट के रिकॉर्ड संधारित नहीं पाए गए। खास बात तो यह कि अस्पताल संचालक ने नपा प्रशासन से आवासीय भवन निर्माण को लेकर परमीशन ली थी, लेकिन उसके बाद यहां अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया। अस्पताल संचालक को नियम के हिसाब से व्यावसायिक भवन निर्माण की परमीशन लेनी थी, लेकिन इसको लेकर भी अस्पताल प्रशासन ने नियमों का तांक पर रखा।

बालाजी अस्पताल नियमों की अनदेखी कर संचालित हो रहा था, जिसकी वजह से पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। पुराने मरीजों की छुट्टी करने के बाद अस्पताल संचालक अस्पताल बंद नहीं करता है, तो संबंधितों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. पी. बुनकर, सीएमएचओ गुना

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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