डेस्क।इंडियन मार्केट में सबसे पसंदीदा फूड प्रोडक्ट मैगी एक बार फिर चर्चा में आ गई है। ऐसे में मैगी को लेकर एक बार फिर से विवाद छिड़ गया है। लेकिन, इस बार किसी फूड डिपार्टमेंट या सरकार ने नहीं, बल्कि खुद नेस्ले (Nestle) ने माना है कि मैगी समेत उसके 60 फीसदी फूड प्रोडक्ट और ड्रिंक्स सेहतमंद नहीं है। यानि इन्हें खाना या पीना सेहत के लिए अच्छा नहीं है। दरअसल कंपनी के मुताबिक, वह अपने प्रोडक्ट्स में न्यूट्रिशनल वैल्यू की जांच कर रही है. प्रोडक्ट्स की जांच के बाद रणनीति बदलकर काम होगा।
सेहत से जुड़े इस मामले पर हाल ही में‘फाइनेंशियल टाइम्स’ में इस मामले में एक रिपोर्ट छापी (प्रकाशित) है. उसमें कहा गया है कि नेस्ले का यह बयान आंतरिक सर्वे पर आधारित है। रिपोर्ट में कहा गया कि नेस्ले के 37 फीसदी फूड एंड ड्रिंक्स प्रोडक्ट्स की रेटिंग 3.5 है. यह रेटिंग ऑस्ट्रेलिया की हेल्थ स्टार रेटिंग सिस्टम से जारी हुआ है. इस सिस्टम के मुताबिक, प्रोडक्ट्स को रेटिंग 1 से 5 तक दी जाती है. सिस्टम के आंकड़ों का इस्तेमाल इंटरनेशनल ग्रुप्स में हर जगह होता है।
इस मामले पर नेस्ले ने कहा है कि कंपनी अपना पूरा पोर्टफोलियो बदलने पर विचार कर रही है. लोगों की सेहत ध्यान में रखते हुए उन्हें जरूर पोषण और बैलेंस्ड डाइट मुहैया कराई जाएगी।तो वही कंपनी के स्पोकपर्सन ने कहा कि कंपनी लगातार प्रयास कर रही है कि लोगों को न्यूट्रिशनल प्रोडक्ट ही उपलब्ध कराए जाएं. इसके लिए कंपनी लगातार काम कर रही है. काफी प्रोडक्ट्स में कंपनी की तरफ से शुगर और सोडियम का इस्तेमाल कम किया गया है. पिछले 7 साल में 14-15 फीसदी तक चीनी और सोडियम का इस्तेमाल घटाया गया है. यह सिलसिला काफी पहले से जारी है।
आगे भी इसका ध्यान रखते रहेंगे। नेस्ले ने ‘रिकॉग्नाइज्ड डेफनिशन ऑफ हेल्थ’ का जिक्र किया है, इसमें प्रोडक्ट को 3.5 रेटिंग में रखा है. इस रिपोर्ट के मद्देनजर कंपनी ने कहा है कि वह अपने पूरे प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में बदलाव करने की तैयारी में है।खासकर फूड और ड्रिंक्स सेक्शन में बदलाव किए जाएंगे।जिसे लेकर अभी काफी सावधानी बरती जा रही है।