यहां डॉक्टर्स की लापरवाही ने एक प्रसूता की जान ले ली।रायगढ़।यहां डॉक्टर्स की लापरवाही ने एक प्रसूता की जान ले ली। जब प्रसूता को चिता पर लिटाया गया तब उसके पेट में धमाका हुअा और नवजात बाहर निकलकर चिता के पास गिर पड़ा। ये नजारा देख मृतका का पति दहाड़े मारकर रोने लगा। उसने रोते हुए कहा कि जिस बच्चे को गोद में खिलाने के सपने पाले थे उसे छू तक नहीं सका। डॉक्टर्स ने जीवन संगिनी को मुझसे छीन लिया। मेरा तो परिवार ही उजड़ गया। जानिए पूरा मामला..
– डभरा कौंलाझर की रहने वाली 22 वर्षीय गर्भवती महिला की डिलवरी के लिए 17 जनवरी की तारीख दी गई थी। हाथ-पैर में सूजन देखकर परिजनों ने उसे 24 दिसंबर को अस्पताल के गायनिक में भर्ती कराया। जांच में पता चला कि महिला के शरीर में सिर्फ 5 ग्राम हीमोग्लोबिन है।- सामान्य अवस्था में लाने के लिए ३ यूनिट ब्लड की जरूरत थी। परिजनों को लैब प्रभारी ने 25 को महिला का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव बताया।
– दुर्गेश नाम के युवक से ब्लड की व्यवस्था कर 24 घंटे बाद 26 दिसंबर को पहुंचे तो लैब में उपस्थित कर्मचारी ने उनसे ए निगेटिव ग्रुप का ब्लड लाने को कहा।
– परिजन के साथ आए अविनाश पटेल ने बताया कि दूसरी बार में 27 को दलाल से उन्होंने 16 सौ रुपए में ए निगेटिव ब्लड खरीदा।
– दो यूनिट की और जरूरत थी इसलिए 28 की रात दलाल से उन्होंने 45 सौ रुपए में ब्लड का सौदा किया और सुबह वे ब्लड निकलवाने गए भी लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
चिता पर लेटी महिला का पेट धमाके से फटा, फिर उछलकर निकला नवजात
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