नई दिल्ली। सऊदी अरब के प्रमुख अखबार सऊदी गजट ने कहा है कि भारत में जम्मू-कश्मीर के नौजवानों ने मोदी सरकार की विकास योजनाओं को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है और वे नए भारत की प्रगति और संपन्नता का हिस्सा बनना चाहते हैं। सऊदी गजट का प्रकाशन 1978 से शुरू हुआ था और यह अंग्रेजी भाषा का एक अग्रणी अखबार है। इस अखबार ने सच्चाई के प्रति अपना प्रतिबद्धता और मध्यमार्गी नीति से सऊदी अरब के मीडिया जगत में अपनी अलग पहचान बनाई है।
अखबार ने लिखा है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत की केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं। क्षेत्रीय युवकों ने इन योजनाओं को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 अगस्त 2019 के बाद भी जिन स्थानीय आतंकियों ने हथियार डाले हैं उन्हें भी देश की मुख्यधारा में शामिल होने का मौका दिया जा रहा है। बहुत से स्थानीय नेता जो यह कहते थे कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छिनने से कश्मीर में तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं बचेगा, इस मामले में गलत साबित हुए। आज गुलमर्ग जाकर देखा जा सकता है कि कितने नौजवान तिरंगा लेकर चलते हैं और उसे अपने दिल के करीब रखते हैं।
युवाओं को प्रेरित करने के लिए सरकार राज्य में खेलों को भी काफी बढ़ावा दे रही है। हाल के दिनों में गुलमर्ग में शीतकालीन खेलों के खेलो इंडिया के दूसरे संस्करण का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन खेलों के उद्घाटन पर वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन का मकसद अंतरराष्ट्रीय शीतकालीन खेलों में भारत की उपस्थिति सुनिश्चित करना है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को शीतकालीन खेलों का हब बनाने की भी घोषणा की।
रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा विशेष छात्रवृत्ति योजना शुरू करने से कश्मीर के कई गरीब बच्चों को देश के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में दाखिला लेने की राह आसान हुई है। वास्तव में इन लोगों ने न केवल अपनी पढ़ाई पूरी की बल्कि देश-विदेश के कारपोरेट घरानों में अच्छी नौकरी पाने में कामयाब रहे। भारत सरकार इस क्षेत्र को अनिश्चितता के दलदल से बाहर निकलने के लिए दृढ़ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर राष्ट्र की मुख्य धारा में शामिल करने के फैसले के लाभ सामने आने लगे हैं। कश्मीर घाटी में आर्थिक प्रगति तेज होने से खुशहाली बढ़ रही है। सऊदी गजट ने लिखा है कि कश्मीर में आज जो सबसे अहम बदलाव दिख रहा है वह पत्थरबाजों की संख्या में कई गुना कमी आना है।