नईदिल्ली: निरंजन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर एवं ब्रम्हलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी के परम शिष्य स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज को द्वारिका शारदा पीठ एवं ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य बनाया गया है. इसकी घोषणा दिल्ली के जापानी पार्क में आयोजित खाटू श्याम जी महायज्ञ शाला कार्यक्रम में उपस्थित संतो ने घोषणा की.
उत्कृष्ट ध्येय और योगदान
स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज का योगदान धर्म, संस्कृति और विद्या के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका उत्कृष्ट ध्येय राष्ट्रीय एकता, विश्व संगठन और विश्वविद्यालय के विकास में योगदान करना है।
धर्म और संस्कृति के प्रचारक
स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज ने धर्म और संस्कृति के प्रचार में अपना जीवन समर्पित किया है। उन्होंने भारतीय संस्कृति को गहराई से अध्ययन किया और उसे लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया है।
द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य
स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज का द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य के रूप में नियुक्त होना एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह उनके ज्ञान और धर्म के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक है।
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य
उन्होंने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के रूप में भी नियुक्त होने के साथ ही भारतीय ज्योतिष और दर्शन को प्रमोट किया है। उनका ध्यान ज्योतिष विज्ञान में नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करता है।
सामाजिक योगदान
स्वामी प्रज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज ने सामाजिक क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया है। उन्होंने गरीबों की मदद के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है और समाज को उन्नति की दिशा में प्रेरित किया है।