RBI ने Repo Rate में नहीं किया बदलाव, लोन की EMI घटने का अभी करना होगा इंतजार

By Khabar Satta

Updated on:

Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने आज वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश किया। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रुख को ‘उदार’ बनाए रखा है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 फीसद की ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया है। दास ने कहा कि वैक्सीनेशन और इसका प्रभावी होना वैश्विक आर्थिक रिकवरी के लिए अहम है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि आने वाले समय में सेरियल्स के दाम में नरमी देखने को मिल सकता है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को चार फीसद, रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसद, बैंक रेट को 4.25 पर बनाए रखा है।

उन्होंने कहा कि रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं होने से होम लोन की दरें स्थिर रहेंगी

शक्तिकांत दास की घोषणा की बड़ी बातें

  • दास ने कहा कि TLTRO स्कीम की अवधि को छह माह के लिए (30 सितंबर, 2021) बढ़ाया जा रहा है। शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई अपने विभिन्न टूल्स के जरिए बाजार में पर्याप्त लिक्विडिटी सपोर्ट देना जारी रखेगा।
  • शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदेगा।
  • उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में भी सरकारी बॉन्ड्स की खरीद जारी रहेगी।
  • केंद्रीय बैंक 15 अप्रैल को 25,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदेगा।
  • उन्होंने आश्वस्त किया कि बाजार में पर्याप्त लिक्विडिटी सुनिश्चित की जाएगी।
  • आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 31 मार्च, 2021 को सरकार ने केंद्रीय बैंक को अप्रैल, 2021 से मार्च, 2026 तक के दौरान मुद्रास्फीति को एक बार फिर 2-6 फीसद के बीच सीमित रखने का लक्ष्य दिया है।
  • शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में खुदरा महंगाई दर पांच फीसद पर रही, जबकि पहले इसके 5.2 फीसद पर रहने का अनुमान जाहिर किया गया था। MPC ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली और दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के 5.2 फीसद, तीसरी तिमाही में 4.4 फीसद और चौथी तिमाही में 5.1 फीसद पर रहने का अनुमान जाहिर किया है।
  • आरबीआई ने अनुमान जाहिर किया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में देश की विकास दर 10.5 फीसद पर रह सकती है। MPC ने अपने पिछले पॉलिसी अनाउनंसमेंट में यह अनुमान जाहिर किया था।
  • केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 26.2 फीसद और दूसरी तिमाही में 8.3 फीसद पर रहने का अनुमान जाहिर किया है।
  • आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 के मामलों में हाल में आई तेजी पर करीब से निगाह रखने की जरूरत है। महामारी के असर के कम होने तक नीतिगत रुख उदार बना रहेगा।
  • केंद्रीय बैंक की एमपीसी की बैठक ऐसे समय में हुई जब देश में कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। इससे कई राज्यों को स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन जैसी कड़ी पाबंदियां लागू करनी पड़ी हैं। इससे आने वाले समय में आर्थिक परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है।
  • आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 फीसद की ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया है।
  • आरबीआई गवर्नर ने कहा, ”MPC ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को चार फीसद पर यथावत रखने के पक्ष में फैसला किया।”
  • उन्होंने कहा कि टिकाऊ वृद्धि के लिए जब तक जरूरत है नीतिगत रुख को उदार बनाए रखने का फैसला किया है।
  • आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत रुख को ‘उदार’ बनाए रखा है। इससे आने वाले समय में ब्याज दरों में कमी की गुंजाइश बनी हुई है।

एनारॉक प्रोपर्टी कंसल्टेंट के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा है कि उम्मीदों के मुताबिक आरबीआई ने रेपो रेट को चार फीसद, रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसद पर बनाए रखा है। साथ ही नीतिगत रुख को उदार बनाए रखा है। इकोनॉमिक रिकवरी को सपोर्ट करने के लक्ष्य के साथ यह फैसला किया गया है। भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर देखने को मिल रही है, इससे कुछ अनिश्चितता पैदा हो गई है। सकारात्मक बात यह है कि वित्त वर्ष 2021-22 में वास्तविक जीडीपी से जुड़ा अनुमान 10.5 फीसद पर बना हुआ है।

मौद्रिक नीति समिति ने पांच, छह, सात अप्रैल को बैठक की और इकोनॉमी की स्थिति की समीक्षा की। आरबीआइ की पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा (पांच फरवरी, 2021) में में वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक विकास दर के 10.5 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया था।

वित्त मंत्रालय की तरफ से वर्ष 2021 से वर्ष 2026 तक के लिए ब्याज दरों के लक्ष्य को चार फीसद (दो फीसद ऊपर-नीचे) निर्धारित किया जा चुका है।

Khabar Satta

खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता

Leave a Comment