प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान और सभी सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक कल होने वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक से पहले हो रही है।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi chaired a meeting with Union Defence Minister Rajnath Singh, NSA Ajit Doval, CDS Anil Chauhan, and all the armed forces chiefs pic.twitter.com/UBFOzASKj2
— IANS (@ians_india) April 29, 2025
इससे पहले आज केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा और उभरते खतरे का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई।
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के महानिदेशक ब्रिघु श्रीनिवासन और असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा सहित प्रमुख सुरक्षा नेताओं ने भाग लिया।
बैठक में सीमा सुरक्षा को मजबूत करने, आतंकवाद-रोधी क्षमताओं को बढ़ाने तथा सुरक्षा बलों के बीच खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान में समन्वय जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
प्रथम सीसीएस बैठक के बाद भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध कड़े कदमों की घोषणा की, जिसमें सिंधु जल संधि को रोकना, अटारी सीमा को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रद्द करना, अनेक पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों और एक्स खातों को बंद करना, तथा दोनों पक्षों के दूतावासों में कर्मचारियों की संख्या में कमी करके राजनयिक संबंधों को कम करना शामिल था, जिससे प्रभावी रूप से कर्मचारियों को अपने देश वापस लौटना पड़ा।
ये निर्णायक कदम 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए दुखद हमले के बाद उठाए गए हैं, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोग खूबसूरत घास के मैदानों में छुट्टियां मना रहे थे और उनकी जान चली गई। इस विनाशकारी घटना ने भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों को बुरी तरह प्रभावित किया है।