ओवैसी ने किया बाबरी मामले पर फैसले का विरोध, पूछा- क्या जादू से गिरी थी मस्जिद?

SHUBHAM SHARMA
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नई दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने अपने फैसले में कहा कि बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। वहीं हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मुस्लिम इत्तेहादुल मुस्लेमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अदालत की तारीख का काला दिन करार दिया है। ओवैसी ने फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि क्या मस्जिद जादू से गिराई गई।

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ओवैसी ने सीबीआई अदालत के फैसले को नाइंसाफी करार देते हुए कहा, मैं बतौर इंडियन मुस्लिम आज तौहीन, शर्म और बेसहारा महसूस कर रहा हूं। बिल्कुल वैसा ही जैसे 1992 में नौजवानी में किया था। उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से इस फैसले को चैंलेज करने की अपील की है। असदुद्दीन ओवैसी ने एक तंजय़िा शेर को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया जिसे इस फैसले से जोड़कर देखा जा रहा है। ओवैसी ने लिखा कि वही क़ातिल, वही मुंसिफ, अदालत उस की, वो शाहिद….बहुत से फैसलों में अब तरफदारी भी होती है। ओवैसी ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, जिस अभियुक्त भगवान गोयल ने कोर्ट के बाहर यह स्वीकार किया कि हां बाबरी का विध्वंस किया और कोर्ट के अंदर बाइज्जत बरी हो जाते हैं।

सीबीआई ने इस मामले की वीडियो फुटेज की कैसेट पेश की
न्यायालय ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले की वीडियो फुटेज की कैसेट पेश की, उनके दृश्य स्पष्ट नहीं थे और न ही उन कैसेट्स को सील किया गया। घटना की तस्वीरों के नेगेटिव भी अदालत में पेश नहीं किये गये। अदालत ने कहा कि छह दिसम्बर 1992 को दोपहर 12 बजे तक सब ठीक था। मगर उसके बाद विवादित ढांचा के पीछे से पथराव शुरू हुआ। विश्व हिन्दू परिषद नेता अशोक सिंघल विवादित ढांचे को सुरक्षित रखना चाहते थे क्योंकि ढांचे में रामलला की मूर्तियां रखी थीं। उन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश की थी और कारसेवकों के दोनों हाथ व्यस्त रखने के लिए जल और फूल लाने को कहा था। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश यादव ने 16 सितंबर को इस मामले के सभी 32 आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने को कहा था। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सतीश प्रधान अलग—अलग कारणों से न्यायालय में हाजिर नहीं हो सके। कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी इस मामले के आरोपियों में शामिल थे।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.