काकद्वीप : पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित कई इलाकों में प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को लोगों से अपील की कि धैर्य बनाए रखें क्योंकि प्रशासन पानी और बिजली की आपूर्ति बहाल करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।
उन्होंने सरकार के खिलाफ ‘‘नकारात्मक प्रचार” को भी खारिज करते हुए कहा ‘‘यह समय राजनीति करने का नहीं है।” मुख्यमंत्री ने दक्षिण 24 परगना जिले के सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों का लगातार दूसरे दिन हवाई सर्वेक्षण किया। इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ हवाई सर्वेक्षण किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस समय चार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं — कोविड-19, लॉकडाउन, प्रवासी मजदूरों से जुड़े मुद्दे और अब चक्रवाती आपदा।” जिले के काकद्वीप में समीक्षा बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि चक्रवात अम्फान के कारण तबाही ‘‘राष्ट्रीय आपदा से अधिक” है। जब उनसे लोगों के बीच बढ़ते गुस्से के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ एक ही चीज कह सकती हूं कि मेरा सिर काट लीजिए।’
बनर्जी ने कहा कि लोगों को ‘‘जमीनी हकीकत” को समझना चाहिए और सहयोग करना चाहिए। बैठक में उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि क्षेत्र में स्थिति सामान्य करने में स्थानीय लोगों का सहयोग लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि चक्रवात अम्फान के दौरान उखड़े पेड़ों को काटने में सहयोग करने के लिए ओडिशा सरकार सहमत हो गई है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि सुनिश्चित करें कि लोगों को पर्याप्त पेयजल मिले और इस बारे में कोई शिकायत नहीं हो। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोलकाता के कुछ इलाकों में चक्रवात अम्फान के बाद बिजली नहीं है और पानी आपूर्ति बाधित हुई है। मैंने सीईएससी (कलकता बिजली आपूर्ति निगम) को कम से कम दस बार फोन किया। मेरा भी फोन नेटवर्क ठीक नहीं है… मैं घर पर टेलीविजन नहीं देख पा रही हूं।”
बनर्जी ने कहा, ‘‘लोगों को वास्तविक स्थिति को समझना चाहिए और धैर्य रखना चाहिए। आपमें से कुछ ने सरकार के खिलाफ नकारात्मक प्रचार शुरू कर दिया है। यह समय राजनीति करने का नहीं है।” न केवल राज्य की राजधानी बल्कि लोगों ने हावड़ा में भी पानी आपूर्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इसी तरह की घटना दक्षिण 24 परगना के सोनारपुर में भी सामने आई।
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