न्यूज़ मीडिया संस्था ‘द वायर’ को फेक न्यूज़ (Fake News) चलाने के कारण कश्मीर पुलिस (Kashmir Police) द्वारा कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। पुलिस (Kashmir Police) द्वारा यह नोटिस स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) से संबंधित मामले में गलत खबर चलाने को लेकर भेजा गया है।
‘द वायर’ ‘क्विंट’ जैसे मीडिया संस्थाएँ शुरू से ही समय समय पर फ़र्ज़ी खबरें (Fake News) चलाने को लेकर अक्सर सुर्खियों में आते हैं।
ऐसे ही कई मामले पहले भी सामने आ चुके है डूपॉलिटिक्स में चपरी खबर के अनुसार इस पहले भी गाज़ियाबाद के लोनी में हुए एक मुस्लिम समुदाय के आपस के झगड़े को हिंदू-मुस्लिम झगड़े का रंग देकर इन्होंने अराजकता फैलाने की भरपूर कोशिश की थी ।
इसके बाद अभी कुछ दिन पहले ही ‘द वायर’ पर यूपी पुलिस (UP Police) ने एक मस्जिद के मामले में भी फेक न्यूज़ चलाने को लेकर कार्रवाई की थी।
‘द वायर’ द्वारा 28 जून, 2021 को ‘They Have Destroyed My Family’ के नाम से एक खबर प्रकाशित की गई थी
The Wire का दावा- सुरक्षा बल बन रहे आतंकी
‘द वायर’ ने अपनी इस रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि पिछले कुछ समय में स्पेशल पुलिस ऑफिसर आतंकियों के भय के कारण फोर्स छोड़कर स्वयं आतंकी बन रहे हैं।
कश्मीर पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘द वायर’ द्वारा प्रकाशित इस लेख में यह बात पूर्ण रूप से गलत है. कश्मीर पुलिस का कहना है कि इन रिपोर्ट में बिना किसी तर्क या डेटा के सुरक्षाबलों के विरुद्ध इस प्रकार की झूठी बातें छापी जा रही हैं.
कश्मीर पुलिस (Kashmir Police) ने आगे यह भी कहा कि लिखी गई बात को सुरक्षा एजेंसियों से बिना पूछे या तथ्य की जानकारी लिए छापा गया।
Encounter को दिया ‘कस्टोडियल किलिंग’ का नाम
7 जून, 2021 को छापे गए आर्टिकल ‘Genuine Encounter or Custodial Killing’ में ‘द वायर’ ने पुनः सुरक्षाबलों एवं पुलिस को Negative दृष्टि से दिखाने का प्रयास किया है।
इसमें मोहम्मद अमीन मलिक नामक (Mohammad Ameen Malik Terrorist) आतंकी के एनकाउंटर को फर्ज़ी (Fake Encounter) साबित करने का प्रयास किया गया तथा उसके लिए झूठ का सहारा भी लिया गया।
पुलिस ने बताया की मौके पर कार्यकारी मजिस्ट्रेट तथा दोषी की माँ भी उपस्थित थे, जिन्होंने आतंकी से आत्मसमर्पण करने का आग्रह किया था।
कश्मीर पुलिस ने इस मामले में भी ‘द वायर’ पर झूठा एजेंडा चलाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने सभी तथ्यों एवं हालातों को देखते हुए ‘द वायर’ को कारण बताओ नोटिस भेजा, जिसमें उनसे यह व्याख्या माँगी गई है कि उनके इस झूठ के विरुद्ध प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में इससे संबंधित शिकायत क्यों न की जाए?