एक तरफ देश में महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर घर बनाने में काम आने वाली सामग्री महंगी होती जा रही है। वहीं मध्यप्रदेश में जहां सीमेंट और लोहे के सरिए की कीमत कम हो गई है। वहीं अब बालू रेत के खनन पर रोक लगने वाली है। यानी कि अब जो लोग घर बनाने का सोच रहे हैं। वहां जल्दी ही बालू रेत का स्टॉप कर ले, क्योंकि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के प्रावधानों के तहत अगले 1 जुलाई से बिहार में नदियों से बालू का खनन बंद हो जाएगा।
3 महीने तक जारी रहेगी खनन पर रोक
दरअसल देश में एक तरफ सीमेंट और सरिया की कीमत कम हो रही है। वहीं दूसरी ओर बिहार में नदियों से बालू का खनन बंद हो रहा है। बालू रेत पर यह रोक 30 सितंबर 2022 तक यानी पूरे 3 महीने जारी रहेगी। इस दौरान बालू रेत का खनन नहीं हो पाएगा जिसकी वजह से सपनों का घर बनाने वाले लोगों को परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है। इसी बीच जो लोग घर बनाने का सोच रहे हैं वहां अभी से ही बालू का स्टॉक कर ले जिससे कि उन्हें मकान बनाने में बालू रेत की कमी का एहसास ना हो और मकान बना सके।
इस 2 वजह से लगाई बालू खनन पर रोक
मकान बनाने में सबसे अधिक बालू रेत का इस्तेमाल होता है। मकान के प्लास्टर से लेकर हर काम में बालू रेत का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में 1 जुलाई से पहले बालू रेत का भंडारण कर ले रोक की अवधि में स्टाक घटने पर बाजार में बालू रेत की कीमतें भी आसमान छू सकती है। जानकारी मिल रही है कि जुलाई 30 सितंबर तक नदियों में बालू का खनन नहीं कर पाएंगे।
इसके पीछे दो कारण हैं जिसमें पहला बिहार में मानसून की वजह से नदियों में पानी अधिक होने की वजह से रेत खनन का काम बंद कर दिया जाता है। दूसरा कारण नदियों में बालू का पूर्ण भरण होता है। नदियों से जितनी मात्रा में बालू का खनन होता है मानसून में बालू रेत की भरपाई होती है जिसकी वजह से इसके खनन पर रोक लगाई जा रही है।
बिहार के इन 16 राज्यों में रहेगी रोक
इसके साथ ही पर्यावरण और जल ही जीवन को बचाने के लिए भी बालू रेत के खनन पर रोक लगाई जा रही है। बिहार के 16 जिलों में बालू रेत का खनन हो रहा है, लेकिन अब आगामी 1 जुलाई से इन सभी नदियों में बालू रेत के खनन पर रोक लगा दी जाएगी। वहीं अभी से ही नदियों से बालू रेत का खनन जोरों पर किया जा रहा है जिससे उसका स्टाक हो और इन 3 महीनों में किसी भी तरह का खनन नहीं किया जा सके।