कोरोना (Corona) काल में जब पूरा देश इस महामारी (Pandemic) से जंग लड़ रहा है, ऐसे में कुछ प्राइवेट लैब (Private Lab) ने उसे कमाई का धंधा बना लिया है. ये प्राइवेट लैब मरीजों के गलत तरीके से सैंपल इक्कठा कर उनकी जान खतरे में डाल रही हैं. जो लोग कोरोना नेगेटिव हैं उन्हें पॉजिटिव बताया जा रहा है. चंद रुपयों की खातिर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
अगर आसान शब्दों के समझें तो ऐसे लोग जिन्हें कोरोना नहीं है, उसके बावजूद महज प्राइवेट लैब की लापरवाही के चलते उन्हें 3 दिन अस्पताल के कोविड वार्ड में कोरोना मरीजों के बीच रहना पड़ा.
35 लोगों को बताया कोरोना पॉजिटिव
तफ्तीश के दौरान पता चला है कि दिल्ली से सटे नोएडा में ऐसे 35 लोग हैं जिन्हें हल्के बुखार, खांसी और ज़ुखाम की शिकायत थी. ये सभी इलाज के लिए अपने-अपने घरों के नजदीक प्राइवेट डॉक्टर्स के पास गए, जहां इन्हें कोरोना का शक बताकर टेस्ट की सलाह दी गई.
इन लोगों ने प्राइवेट लैब में कोरोना टेस्ट करवाया. कुछ लोगों के घर जाकर ही सैंपल इक्कठा किए गए. पता चला कि सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव है.
इसके बाद इन लोगों को सरकारी द्वारा तैयार किए गए कोविड आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया गया, जहां इनकी दोबारा से जांच की गई. हैरानी की बात ये है कि करीब 35 लोगों की रिपोर्ट कोरोना नेगेटिव आई. जिससे नोएडा प्रशासन सकते में आ गया.
गलत तरीके से लेते थे सैंपल
पता चला कि कुछ प्राइवेट लैब के कर्मचारी लोगों के घर जाकर गलत तरीके से सैंपल इक्कठा कर रहे थे. उन्होंने सैंपल का टेम्परेचर मेंटेन नहीं किया, जिससे गलत रिपोर्ट आई, यानी जो लोग कोरोना नेगेटिव थे उन्हें पॉजिटिव बता दिया गया.
चंद पैसों के लालच में लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाली इन लैब्स के नाम हैं-
1- लाइफलाइन लैब
2- मॉडर्न लैब
3- स्टार इमेजिंग लैब
4- Oncquest Lab
5- Accuris Lab
नोएडा के सीएमओ दीपक ओहरी ने बताया, “ऐसी 6 लैब्स की जानकारी नोएडा प्रशासन को मिल चुकी है, जिनके खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी. इनमें से एक लैब के खिलाफ तो मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है.”
4500 से 5000 हजार रुपये तक की वसूली
दरअसल, ये सभी पैथ लैब दिल्ली और गुरुग्राम के अलग-अलग इलाकों में स्तिथ हैं. इनके कर्मचारी मोटरसाइकिल पर लोगों के घर जाकर सैंपल इकठ्ठा करते हैं. एक टेस्ट की कीमत 4500 रुपये से 5000 हजार रुपये तक वसूली जाती है. इतनी मोटी रकम लेने के बावजूद लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था.
जांच में ये भी पाया कि इन प्राइवेट लैब्स ने ICMR की गाइडलाइन्स का उलंग्घन भी किया है. इनमें से कुछ लैब ऐसी हैं जिनके पास कोविड-19 टेस्ट की परमिशन नहीं थी, उसके बावजूद कमाई के लिए लोगों के सैंपल इक्कठा कर उन्हें गलत रिपोर्ट देकर उनकी जान जोखिम में डाल रही थीं.