Diwali 2022: इस बार ग्रीन पटाखों से मनाई जाएगी Diwali, जानें कैसे होते हैं Green Crackers; क्या होता है इनमें खास

SHUBHAM SHARMA
4 Min Read
Diwali 2022: इस बार ग्रीन पटाखों से मनाई जाएगी Diwali, जानें कैसे होते हैं Green Crackers; क्या होता है इनमें खास

पंजाब, खबरसत्ता डेस्क: पंजाब की AAP सरकार ने दिवाली (Diwali 2022) और गुरुपुरब (GurPurab 2022) के पर पटाखों को फोड़ने के लिए पंजाब सरकार ने दो घंटे का समय देने की घोषणा की है, एक तरफ दिल्ली की बात करें तो दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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पंजाब की बात करें तो पंजाब में सरकार ने प्रदूषण को ध्यान में रखकर त्योहार के दिवाली और गुरुपुरब पर्व के दौरान हरे पटाखे जिन्हें ग्रीन क्रैकर (Green Cracker) खा जाता है सिर्फ उन्हें ही फोड़ने की अनुमति दी है.

पंजाब सरकार का यह निर्देश पंजाब के पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने जारी किया है. ग्रीन क्रैकर्स या हरे पटाखे (Green Crackers) फोड़ने से प्रदुषण बेहद ही कम फैलता है. इन पटाखों में ऐसे कच्चे माल का उपयोग होता है जो प्रदूषण कम फैलाने में मदद करते हैं. 

क्या है ग्रीन पटाखे? What Is Green Crackers

CSIR द्वारा ग्रीन पटाखों (Green Crackers) को तैयार करने के लिए इनमे फ्लावर पॉट्स, पेंसिल, स्पार्कल्स और चक्कर का ही इस्तेमाल किया जाता है. और यह कहा जाना बिलकुल सही होगा कि ग्रीन पटाखे से वायु प्रदूषण फैलता तो है पर कम

नॉर्मल और ग्रीन पटाखों में क्या फर्क है?

नॉर्मल पटाखों को बनाने के लिए बारूद के साथ साथ अनेक ज्वलनशील रसायन का उपयोग किया जाता है जो जलाने पर फट जाते हैं जिससे प्रदुषण भारी मात्र में फैलता है. ग्रीन पटाखों की बात करें तो इनमे हानिकारक केमिकल नहीं होते हैं और वायु प्रदूषण कम होता है.

ग्रीन पटाखों में, आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले प्रदूषणकारी केमिकल जैसे एल्यूमीनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रेट और कार्बन को या तो हटा दिया गया है या उत्सर्जन को 15 से 30% तक कम कर दिया जाता है. 

कैसे बनाए गए ग्रीन पटाखे?

ग्रीन पटाखों को बनाने के लिए टीम ने 3-4 फॉर्मूलेशन तैयार किए और 30-40% एक्टिव सामग्रियों पर फोकस किया. इसके अलावा, सीएसआईआर-सीईसीआरआई ने पर्यावरण के अनुकूल फूलों के बर्तन विकसित किए हैं जो पार्टिकुलेट मटर को 40% तक कम कर सकते हैं.

सीएसआईआर-नीरी ने बिजली पटाखों के नाम से जाने जाने वाले पटाखों की प्रभावशीलता का परीक्षण किया. उन्होंने राख के उपयोग को desiccants के रूप में समाप्त कर दिया है. पटाखों को सेफ वाटर रिलीजर (एसडब्ल्यूएएस), सेफ थर्माइट क्रैकर (स्टार) और सेफ मिनिमल एल्युमीनियम (सफल) नाम दिया गया है. 

क्या है ग्रीन पटाखे? What Is Green Crackers

CSIR द्वारा ग्रीन पटाखों (Green Crackers) को तैयार करने के लिए इनमे फ्लावर पॉट्स, पेंसिल, स्पार्कल्स और चक्कर का ही इस्तेमाल किया जाता है. और यह कहा जाना बिलकुल सही होगा कि ग्रीन पटाखे से वायु प्रदूषण फैलता तो है पर कम

नॉर्मल और ग्रीन पटाखों में क्या फर्क है?

नॉर्मल पटाखों को बनाने के लिए बारूद के साथ साथ अनेक ज्वलनशील रसायन का उपयोग किया जाता है जो जलाने पर फट जाते हैं जिससे प्रदुषण भारी मात्र में फैलता है. ग्रीन पटाखों की बात करें तो इनमे हानिकारक केमिकल नहीं होते हैं और वायु प्रदूषण कम होता है.

कैसे बनाए गए ग्रीन पटाखे?

ग्रीन पटाखों को बनाने के लिए टीम ने 3-4 फॉर्मूलेशन तैयार किए और 30-40% एक्टिव सामग्रियों पर फोकस किया. इसके अलावा, सीएसआईआर-सीईसीआरआई ने पर्यावरण के अनुकूल फूलों के बर्तन विकसित किए हैं जो पार्टिकुलेट मटर को 40% तक कम कर सकते हैं.
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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