नई दिल्ली: फरवरी माह में देश की राजधानी दिल्ली में भड़की हिंसा (Delhi Riots) मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के एक वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया है कि दंगों में इस्तेमाल हथियारों को उत्तर प्रदेश के मेरठ (Meerut) जिले से मंगवाया गया था.
दिल्ली दंगों में UAPA के तहत गिरफ्तार खालिद सैफी ने पूछताछ के कबूला की दिल्ली में दंगा करवाने के लिए 5 देसी कट्टे मेरठ से खरीदे गए थे. जिनको 25,000 रुपये में खरीदा गया था. आरोपी ने बताया कि हथियार खरीदने के लिए ये पैसे कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां ने उसे दिए थे, जिसके बाद ये हथियार मेरठ से लाए गए थे.
आपको बताते चलें कि आरोपी खालिद सैफी यूनाइटेड अगेंस्ट हेट (UAH) से जुड़ा हुआ है, जिसके अच्छे राजनीतिक संबंध भी हैं. वहीं दिल्ली हिंसा में मेरठ का नाम पहले भी उजागर हुआ था. दिल्ली पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद बताया था कि एंटी सीएए-एनआरसी प्रदर्शनों में मेरठ के कई दंगाई शामिल थे. दंगा करने के लिए इन्हें विशेष रूप से कुछ दिन पहले ही दिल्ली बुलाया गया था.
वहीं दिल्ली पुलिस द्वारा कल दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कई बड़े नाम सामने आए हैं. इस चार्जशीट में विपक्ष के नेता सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury), स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav), अर्थशास्त्री जयती घोष (Jayati Ghosh), दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और सामाजिक कार्यकर्ता अपूर्वानंद (Apoorvanand) और डॉक्यूमेंटरी फिल्मकार राहुल रॉय (Rahul Roy) के नाम भी सह-साजिशकर्ता के रूप में नाम दर्ज किए हैं. इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को ‘किसी भी हद तक जाने को कहा’. इन सभी ने सीएए-एनआरसी को एक समुदाये का विरोधी बताकर नाराजगी बढ़ाई और भारत सरकार की छवि खराब करने के लिए प्रदर्शन आयोजित किए.
इस चार्जशीट पर एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने कहा कि एंटी-सीएए प्रोटेस्ट को ऑर्गनाइज और अड्रेस करने के संबंध में एक आरोपी के बयान के आधार पर ये नाम शामिल किए गए हैं. इस डिस्क्लोजर स्टेटमेंट को सच्चाई के साथ रिकॉर्ड किया गया है. एक व्यक्ति को केवल डिस्क्लोजर स्टेटमेंट के आधार पर अभियुक्त नहीं ठहराया जाता है.