भीलवाड़ा में 28 मरीजों में से 25 ठीक हो चुके है. लेकिन जयपुर में यही मॉडल फेल होता दिख रहा है.
देश में कोरोना (Coronavirus) के मामले 10 हज़ार के पार चले गए है. अब तक तीन राज्यों में कोरोना ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. महाराष्ट्र (Maharashtra) , तमिलनाडु (Tamil Nadu) और राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना के मामले हज़ार की संख्या में चले गए है. लेकिन अब राजस्थान (Rajasthan) भी हज़ार के करीब पहुंच गया है. राजस्थान में कोरोना का विस्फोट जारी है.
आज राज्य में 72 नए मामले सामने आए. जिसके बाद मंगलवार दोपहर तक राजस्थान में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 969 हो गई है. इनमें से 2 इटली के नागरिक और 54 ईरान से लौटे भारतीय है जिन्हें राजस्थान में क्वारंटीन किया गया था. लेकिन चिंताजनक ख़बर ये है कि 72 नए मामलों में से अकेले 71 मामले तो सिर्फ राजधानी जयपुर (Jaipur) से सामने आए है. जबकि 1 मामला झुंझुनू से सामने आया है. जहां एक तरफ भीलवाड़ा में हालात तेज़ी से सुधर रहे है वहीं जयपुर में हालात सरकार के काबू से बाहर जाते दिख रहे है. जयपुर में संक्रमितों की कुल संख्या 443 पर पहुंच गई है. जबकि भीलवाड़ा (Bhilwara) में कुल मामले आज भी 28 ही है.
बता दें, भीलवाड़ा में पिछले 2 हफ्तों में सिर्फ 1 मामला सामने आया है. जबकि 28 संक्रमितों में से 25 लोग पूरी तरह से स्वस्थ भी हो चुके है.
कोरोनावायरस राजस्थान के 25 ज़िलों में दस्तक दे चुका है. लेकिन जयपुर इसका सबसे बड़ा हॉटस्पॉट (Corona Hotspot) बनता जा रहा है. ज्यादातर मामले जयपुर परोकोटे से सामने आए है. इसमें भी रामगंज (Ramganj) कोरोना का एपिसेंटर बना हुआ है. हालांकि पूरे राज्य में अब तक सबसे ज्यादा सैंपल भी जयपुर से ही लिए गए है. जयपुर से अब तक 8 हज़ार 37 सैंपलों की जांच की जा चुकी है. प्रशासन ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेकर कोरोना के मामलों को ट्रेस कर रहा है.
बता दें, भीलवाड़ा मॉडल (Bhilwara Model) के सफल होने के बाद राजस्थान की तारीफ पूरे देशभर में हुई थी. प्रदेश में बढ़ते मामलों को देख अशोक गहलोत सरकार ने सभी ज़िलों में इस मॉडल को लागू करने के आदेश दिए थे. लेकिन इस बीच जयपुर में हालात बिगड़ते जा रहे है.
क्या जयपुर (Jaipur) में फेल हो रहा भीलवाड़ा मॉडल (Bhilwara Model) ?
प्रदेश में बिगड़ते हालात के बीच ये सवाल उठ रहा है कि क्या जयपुर में भीलवाड़ा मॉडल फेल हो गया है. इस पर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि इस मॉडल को जयपुर में लागू करना एक बड़ी चुनौती है. रघु शर्मा के मुताबिक जयपुर घनी आबादी वाला क्षेत्र है. ख़ासकर रामगंज में एक ही इमारत में 10 से 15 लोग रहते है. ये प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि रामगंज में प्रशासन दो चरणों में काम कर रहा है. कान्टेक्ट ट्रेसिंग और कलस्टर मैपिंग. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा सैंपल लिए जा रहे है. पूरे इलाके को सील कर दिया गया है. जयपुर परकोटे में कर्फ्यू पास की भी अनुमति नहीं है. अब यहां भी डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है. इसलिए बड़ी तादाद में कोरोना के मामले सामने आ रहे है.
बता दें, जयपुर के बाद सबसे प्रभावित ज़िलों में 82 मामलों के साथ जोधपुर दूसरे नंबर पर है. जबकि तीसरे नबंर पर 59 मामलों के साथ बांसवाड़ा और टोंक ज़िले संयुक्त बने हुए है. वहीं कोटा से अब तक 49 और बीकानेर से 34 मामले सामने आ चुके है.
जबकि सबसे कम मामलों की बात करें तो 2 ज़िलों- धौलपुर और बाड़मेर में अब तक सिर्फ 1-1 मामले दर्ज हुए है.
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 हज़ार 453 हो गई है. सोमवार को संक्रमण के 1 हज़ार 242 मामले सामने आए. यह एक दिन में सबसे ज़्यादा है. संक्रमण 27 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में फैला है, लेकिन इनमें से शीर्ष 4 राज्यों/यूटी- महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और राजस्थान में ही 5 हजार 914 मरीज हैं. यह कुल संक्रमितों के 56% से ज़्यादा है.