बरेली। 28 नवंबर को कानून लागू होने के कुछ घंटे बाद ही देवरनिया थाने में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम का मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इसकी विवेचना में भी पुलिस ने तेजी दिखाई। महज 29 में ही 27 दिसंबर को देवरनिया पुलिस ने आरोपित उवैश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। अब मामले का ट्रायल होगा। जिले में मतांतरण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। 28 नवंबर से पांच जनवरी तक देवरनिया, हाफिजगंज, बारादरी, बहेड़ी, फरीदपुर में कुल पांच मामले सामने आए, जिसमें दो मामलों में धर्म संपरिवर्तन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत जनपद में अब तक दो मुकदमें दर्ज किए गए हैं। ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश हैं।– रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी
देवरनिया की युवती ने कस्बे के ही उवैश अहमद पर मतांतरण कर निकाह का दबाव बनाने का आरोप लगाया। आरोप था कि शादी के बाद भी आरोपित उस पर मतांतरण का दबाव बनाते हुए धमका रहा है। पुलिस ने आरोपित पर धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया था। दो दिसंबर को आरोपित की गिरफ्तारी हुई थी। इसी मामले में पुलिस ने चार्जशीट लगाई है।
फरीदपुर में दूसरे संप्रदाय का आरोपित 14 साल की किशोरी का अपहरण कर ले गया। उससे दुष्कर्म किया। मतांतरण कर निकाह का दबाव बनाया। हालांकि, पुलिस ने मंतातरण से इन्कार कर दिया। आरोपित फैजल, उसके दोस्त आमिर व मामा बब्बू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अपहरण, पॉक्सो एक्ट व दुष्कर्म में मुकदमा दर्ज किया गया।
इज्जतनगर की युवती ने परतापुर निवासी दूसरे संप्रदाय के युवक पर प्रेमजाल में फंसाकर शादी का आरोप लगाया। लव जिहाद में प्यार में फंसाने की बात कही। गर्भवती होने पर गर्भपात का भी आरोप लगाया। यह मुकदमा दुष्कर्म में दर्ज किया गया था। अधिनियम उसी दिन शाम से लागू हुआ, लिहाजा नए अधिनियम में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।
बारादरी क्षेत्र की युवती को आंवला निवासी दूसरे संप्रदाय का लड़का भगाकर मेरठ ले गया। वहां हिंदूवादीसंगठनों ने बवाल किया। मेरठ पुलिस ने बरेली पुलिस से संपर्क साधा। 11 दिसंबर को युवती के पिता की ओर से आरोपित पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई। हालांकि, बयान में युवती ने लड़के के साथ रहने की बात कही तो दोनों को छोड़ दिया गया।
बहेड़ी निवासी एक युवती के पिता ने दूसरे संप्रदाय के युवक पर उसका मतांतरण कर विवाह करने की शिकायत की थी। विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम में मुकदमा लिखाने की मांग की। मगर, बालिग युवती ने अपनी मर्जी से दूसरे संप्रदाय के युवक से शादी करने के बयान दर्ज कराए थे। इसके बाद पुलिस को पैर पीछे खींचने पड़े थे।
फरीदपुर की युवती ने मतांतरण कर निकाह का दवाब बनाने की शिकायत की थी। उसकी तहरीर पर पुलिस ने मुख्य आरोपित अबरार, उसके भाई मैसूर व इरशाद पर धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज की थी। पहले पुलिस युवती के आरोपों को खारिज करने में जुटी थी। मगर एसएसपी की सख्ती के बाद जांच हुई तो आरोप सिद्ध हुए।