पश्चिम बंगाल में एक बार फिर भाजपा नेता की हत्या की घटना सामने आई है। खबर है कि बीजेपी के पार्षद व वकील मनीष शुक्ला की रविवार (अक्टूबर, 4 2020) को उत्तर परगना जिले में गोली मार कर हत्या कर दी गई। यह घटना टीटागढ़ पुलिस स्टेशन के सामने हुई। कहा जा रहा है कि कुछ अज्ञात बदमाशों ने इसे अंजाम दिया। हालाँकि, भाजपा ने इसका आरोप टीएमसी के गुंडों पर लगाया है।
घटना के बाद से इलाके में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। इस मामले के सामने आने के बाद बंगाल की भाजपा ईकाई ने बैरकपुर में बंद का ऐलान किया है। वहीं राज्यपाल जयदीप धनखड़ ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर बात करने के लिए डीजीपी समेत कई आला अधिकारियों को राजभवन बुलाया है। वहीं ममता सरकार को भी समन भेजा। साथ ही पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) हरि कृष्ण द्विवेदी को भी तलब किया है।
राज्यपाल ने इस घटना के मद्देनजर ट्विटर पर भी अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा, “पश्चिम बंगाल में एक और भाजपा नेता की हत्या। टीटागढ़ में पार्षद मनीष शुक्ला को गोली मारी गई। टीएमसी विरोधियों को डराना और उन्हें मारना चाहती है। उनके पाँव के नीचे से जमीन खिसक रही है। करीब 110 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। बेहतर बंगाल के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष चलता रहेगा।”
वहीं, कैलाश वियजवर्गीय ने इस संबंध में सीबीआई जाँच की माँग की। उन्होंने कहा- “बीजेपी वर्कर मनीष शुक्ला को टीटागढ़ पुलिस स्टेशन (उत्तरी 24 परगना जिला) के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले की जाँच सीबीआई के द्वारा की जानी चाहिए।”
पार्टी की बंगाल ईकाई ने भी इस घटना पर अपने अकॉउंट से टीएमसी पर निशाना साधा। भाजपा बंगाल के ट्विटर पर लिखा गया:
जानकारी के मुताबिक, भाजपा पार्षद पर हमला करने वाले दोनों हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार थे और मास्क के साथ ही हेलमेट पहने हुए थे। उन्होंने मनीष शुक्ला पर पीछे से कई फायर किए और जब वो गिर गए तो उनके सीने में भी गोलियाँ दागी।
ये सब कुछ टीटागढ़ पुलिस स्टेशन के पास हुआ, जहाँ से उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हमले में मनीष को बचाने की कोशिश कर रहे उनके दो साथी भी घायल हो गए।
उल्लेखनीय है कि पार्षद मनीष शुक्ला बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र के स्थानीय सांसद अर्जुन सिंह के करीबी थे और दो साल पहले उनके साथ ही बीजेपी में शामिल हो गए थे। उससे पहले दोनों टीएमसी में थे।
बता दें कि 4 अक्टूबर की इस घटना से पहले सितंबर में बंगाल के गूगली जिले में भी एक भाजपा समर्थक गणेश रॉय की मौत का मामला आया था। भाजपा नेता दिलीप घोष और कैलाश विजयवर्गीय ने इसका इल्जाम तृणमूल पर लगाया था और गणेश की मौत को हत्या बताया था।