रामेश्वरमः अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन की तैयारियां जोरों पर हैं. यहां की रौनक में अब चार चांद लग गए हैं. जहां एक ओर अयोध्या में भव्य भूमि पूजन का समारोह होने जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर तमिलनाडु के रामेश्वरम में भी विशेष पूजा आयोजित की गई. यह पूजा समुद्र के किनारे पवित्र अग्नि तीर्थ के तट पर संपन्न हुई. ऐसा माना जाता है कि यहां पर श्रीराम, लक्ष्मण और सीता ने मिलकर भगवान शिव (रामनाथ स्वामी) की मूर्ति का निर्माण किया था, जिसे लोग रामेश्वरम शिव मंदिर के नाम से जानते हैं.
सोने की खड़ाऊं में रामेश्वरम से अयोध्या भेजी गई पवित्र मिट्टी
यह काफी पवित्र स्थल है जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है. कोरोना वायरस के हालात को देखते हुए शंकराचार्य मठ में पूजा संपन्न की गई. यह मठ रामेश्वर मंदिर के बिल्कुल नजदीक है. मठ पर यह विशेष पूजा रामेश्वरम के स्थानीय पुजारियों, शहर के निवासियों और राजनीतिक संगठन हिंदू मुन्नानी के सदस्यों द्वारा कराई गई थी. पूजा के बाद रामेश्वरम से यहां की पवित्र मिट्टी को सोने से जड़ित खड़ाऊं में भरकर भेजा गया है. अयोध्या में 5 अगस्त को मंदिर का भूमि पूजन होना है जिसके लिए देश के अलग-अलग हिस्से से मिट्टी लाई जा रही है.
भगवान शंकर ने दिया था श्रीराम को विजयश्री का वरदान
भगवान श्रीराम ने लंका में दशानन रावण पर आक्रमण करने से पहले यहां भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित की थी. यहीं पर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की भक्ति से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें विजयश्री का आर्शीवाद दिया था. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर तमिलनाड़ु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग को चार धामों में से एक माना जाता है. यह मंदिर धर्म और आस्था का एक बड़ा केंद्र माना जाता है. यह देश के 12 ज्योतिर्लिंग में से 11 वां शिवलिंग माना जाता है.