“अंशुमन भगत” यह एक ऐसा नाम है, जिसके सुविचार आपको सकारात्मकता की ओर ले चलेंगे

By SHUBHAM SHARMA

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नईदिल्ली: अंशुमन भगत (Ansuman Bhagat)” चलिए जानते है ऐसा क्या खास है इनके लेखन में – इस कोरोना काल ने देश के बहुत से छुपे प्रतिभाशाली चेहरों को सामने लाया, जो समाज के लिए कुछ बेहतर प्रयास करने में जुटे हुए है। उनमें से हमारे जमशेदपुर से युवा लेखक अंशुमन भगत (Ansuman Bhagat) है। अंशुमन भगत (Ansuman Bhagat) अपने लेखन के माध्यम से लोगो में अच्छे सुविचार तथा सकारात्मकता जैसी भावनाओं का गान करवाते हैं।

अगर देखा जाए तो, हर किसी के जीवन में कठिनाइयां होती है, कोई भी व्यक्ति सफल होकर जन्म नहीं लेता, हमारे समाज में दो तरह के लोग होते हैं, पहले वे जो अपने पूर्वजों की संपत्ति का प्रयोग कर के आगे बढ़ते हैं, उन्हें आधा सहयोग बनी बनाई मिलती है और दूसरे वे जिन्हें सब कुछ शून्य से शुरुआत करनी पड़ती है, ऐसे व्यक्ति को अपने जीवन में कठिन परिश्रम और कई त्याग करने पड़ जाते हैं।

उन्हीं में से एक अंशुमन भगत (Ansuman Bhagat) है जिन्हें कोई आर्थिक सहयोग ना मिलने के बावजूद भी उन्होंने अपने जीवन में अपने बचपन से ही परिश्रम करना सीखा है, चाहे वह कोई भी काम क्यों न हो, अपने पढ़ाई को काफी महत्व देना और साथ ही अपने अंदर की कला को बाहर लोगों तक कैसे पहुंचाएं.

अंशुमन भगत (Ansuman Bhagat) बचपन से ही सीखते और करते आ रहे है, अंशुमन भगत (Ansuman Bhagat) खुद के साथ-साथ अपने परिवार के जीवन के बारे में भी ज्यादा सोचते है और उन्होंने पूरी ताकत के साथ सभी परिस्थितियों का सामना किया, शायद यही वजह है कि आज के दिन वह एक युवा मोटिवेशनल लेखक है।

उनके विचारों से कई लोग प्रभावित होते हैं, उनके लिखने की कला कुछ इस प्रकार है कि लोग पढ़ते ही सोचने में विवश हो जाते हैं क्योंकि वह प्रेरित ही इतना करते है जो कि “अंशुमन भगत (Ansuman Bhagat)” के लिखें शब्द में हमें देखने मिलती है। इनकी कड़ी मेहनत और अलग तरीके से लिखने की कला के बदौलत इनकी किताब “योर ओन थॉट” पूरे विश्व में बेस्ट सेलिंग किताब रही है। यह उनके मेहनत का ही नतीजा है।

“योर ओन थॉट” बुक के जरिए ही उन्हें असली पहचान मिली है, इन्हें कम उम्र में ही पता चल गया था कि इन्हें लिखने में रुचि है, इन्होंने अपने इस कला पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया और उन्होंने ठान लिया कि लेखक के रूप में ही खुद को लोगों के बीच दिखाना है, इस लिए उन्होने मुंबई में कर रहे कास्टिंग डायरेक्टर का जॉब भी छोड़ दिया ताकि पूरा ध्यान किताब लिखने में लगा पाए।

अंशुमन भगत (Ansuman Bhagat) ने अपनी पहली किताब को मात्र सात दिनों में ही पूरा कर दिया था। “योर ओन थॉट” यह उनकी पहली कितब थी, जिसे 2018 में दिल्ली के इनविंसिबल पब्लिशर द्वारा प्रकाशित किया गया था। वह अपने लिखावट के जरिए लोगों के सोचने का नजरिया बदलना चाहते हैं। ताकि एक व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक भाव के साथ अपने जीवन को एक बेहतर और नया रूप दे सके।

जिस प्रकार आज के युवा अपने जीवन में टेक्नोलॉजी से जुड़कर कई ऐसी जरूरी बातों को नजर अंदाज करते हैं, जो आगे चलकर उनके लिए समस्या का कारण बन सकता है। अंशुमन भगत (Ansuman Bhagat) युवाओं को अपने लेखन के जरिए किताब और प्रकृति से जोड़े रखना चाहते हैं, जिससे आगे चल कर हमारी संस्कृति लुप्त होने से बच सके। किंतु आज कल के युवा इस बात से बेखबर रहते हैं।

“स्वामी विवेकानंद जी” के जन्मदिन के अवसर पर होने वाली युवा एकता मंच कार्यक्रम में उन्हें झारखंड युवा इंस्पिरेशनल लेखक के रूप में सम्मानित किया गया था। तथा उनके किताब को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास जी ने भी सराहा और अपना समीक्षा दिया।

इसके अलावा कई उपलब्धियां उन्होंने अपने जीवन में हासिल किया है, जिस उम्र में लोग अपने करियर और अपने जीवन की चिंता करते हैं, उस उम्र से ही इन्हें कई सम्मान मिल चुके हैं। उनके सफल होने के पीछे कई लोगों का हाथ है, लेकिन उनका मानना है कि उन्हें उनके श्री कृष्ण के प्रति श्रद्धा और विश्वास से ही उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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