एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच भारत में हवाई अड्डों को अलर्ट रहने और अस्पतालों में जांच बढ़ाने का आदेश दिया

SHUBHAM SHARMA
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एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच भारत में हवाई अड्डों को अलर्ट रहने और अस्पतालों में जांच बढ़ाने का आदेश दिया

MPOX VIRUS UPDATE: भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एमपॉक्स के खिलाफ कड़े सुरक्षा उपाय: अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और सीमाओं पर विशेष ध्यान. मंत्रालय की सख्त तैयारी: हवाई अड्डों और सीमाओं पर विशेष सुरक्षा. भारत में एमपॉक्स के संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कड़े कदम उठाए हैं।

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विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और भूमि बंदरगाहों, खासकर बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं पर सख्त निगरानी और सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। इन उपायों का मुख्य उद्देश्य यात्रियों में एमपॉक्स वायरस के लक्षणों की पहचान करना और उन्हें अलग करना है, ताकि यह वायरल बीमारी देश में न फैले।

प्रमुख चिकित्सा संस्थानों की भूमिका और तैयारी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों – राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज – को एमपॉक्स के मामलों के इलाज और अलगाव के लिए केंद्रीय सुविधाओं के रूप में चिन्हित किया है।

इसके साथ ही, राज्य सरकारों से भी आग्रह किया गया है कि वे अपने स्थानीय अस्पतालों को इस बीमारी के खिलाफ तैयार रखें। एमपॉक्स के परीक्षण के लिए देश भर में 32 प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क तैयार किया गया है, जिससे बीमारी का कुशलतापूर्वक परीक्षण किया जा सके।

भारत में वर्तमान स्थिति: संभावित खतरा और सतर्कता

हालांकि भारत में अभी तक एमपॉक्स के कोई मामले सामने नहीं आए हैं, फिर भी सरकार ने सतर्कता बरतते हुए सभी जरूरी कदम उठाए हैं। अधिकारियों का मानना है कि बड़े पैमाने पर प्रकोप की संभावना काफी कम है, लेकिन अगर ऐसा होता है, तो इसका जल्दी पता लगाने और रोकथाम के लिए सतर्कता बेहद आवश्यक है।

एमपॉक्स: एक घातक वायरस के बारे में जानकारी

एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति, जानवर या दूषित वस्तुओं के सीधे संपर्क से फैलती है। इस वायरस के प्रसार के मुख्य मार्गों में शामिल हैं:

  • संक्रमित जानवर के काटने या खरोंचने से वायरस का फैलना।
  • दूषित सतहों या वस्तुओं के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा।
  • गर्भवती महिलाओं से उनके अजन्मे बच्चों को वायरस का संक्रमण।

एमपॉक्स के लक्षण आमतौर पर संपर्क के एक से तीन सप्ताह बाद विकसित होते हैं और दो से चार सप्ताह तक रहते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं:

  • दाने: चपटे घाव तरल पदार्थ से भरे छालों में बदल जाते हैं, जो कभी-कभी खुजली या दर्द का कारण बनते हैं।
  • बुखार: दाने अक्सर तेज बुखार के साथ होते हैं।
  • सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द: गंभीर सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द भी आमतौर पर इस वायरस का हिस्सा होते हैं।
  • सूजे हुए लिम्फ नोड्स: सूजे हुए लिम्फ नोड्स का होना भी एमपॉक्स के लक्षणों में शामिल है।
  • थकान: सामान्य थकान और ऊर्जा की कमी आमतौर पर देखने को मिलती है।

वैश्विक संदर्भ: डब्ल्यूएचओ का अलर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। इस वायरस के कारण अफ्रीका में भारी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार 2022 से 116 देशों में 99,000 से अधिक मामले और 208 मौतें हो चुकी हैं। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में मामलों में काफी वृद्धि हुई है।

भारत के लिए आवश्यक सावधानियाँ

भारत में अब तक इस वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सरकार ने संभावित खतरे के मद्देनजर जो कदम उठाए हैं, वे बेहद महत्वपूर्ण हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश भर में विभिन्न प्रयोगशालाओं और अस्पतालों की तैयारियों को सुनिश्चित किया है, जिससे किसी भी संभावित प्रकोप का समय पर पता लगाया जा सके और उसे रोका जा सके।

एमपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए प्रमुख कदम:

  • अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और सीमाओं पर कड़ी निगरानी
  • राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर अस्पतालों की तैयारियाँ।
  • एमपॉक्स के परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं का नेटवर्क तैयार करना।
  • सतर्कता और जल्द से जल्द मामलों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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