कृषि बिल पर बोले कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर- निजी स्वार्थ के लिए किसानों को गुमराह कर रही कांग्रेस

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व निष्प्रभावी हो गया है, यह कृषि को नहीं समझता है और पार्टी अपने निहित स्वार्थों के लिए किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ये बयान समाचार एजेंसी एएनआइ को दिए एक्सलूसिव इंटरव्यू में दिया है। एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, तोमर ने कृषि बिलों के विरोध पर कांग्रेस पर जोरदार हमला किया और कहा कि विपक्षी पार्टी अच्छे लोगों की बात नहीं सुनती है और इसका नेतृत्व उन लोगों के हाथों में है, जिन्हें लोगों द्वारा नहीं सुना जाता है।

कृषि मंत्री ने कहा कि मैं समझता हूं कि कांग्रेस का नेतृत्व बौना हो गया है। तोमर ने कहा कि न तो वे कृषि को समझते हैं और न ही देश के अच्छे या बुरे को। कांग्रेस में अच्छे लोगों को नहीं सुना जा रहा है और पार्टी का नेतृत्व उन लोगों के हाथों में है, जिन्हें लोग नहीं सुनते हैं, यहां तक कि पार्टी के अंदर भी।” तोमर ने यह कहकर देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे, क्योंकि उन्हें लगता है कि यूपीए के तहत जो काम वे सालों तक नहीं कर सके, वह अब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे ऐसा कर सकते थे, लेकिन वे साहस नहीं जुटा सके। तोमर ने कहा कि पूर्व प्धनमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार सुधार लाना चाहते थे, लेकिन दबाव में ऐसा नहीं कर सके।

‘व्यापारी और किसानों के बीच की दूरी कम होगी’

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने साथ ही कहा कि संसद द्वारा हाल ही में पारित किए गए नए कृषि विधेयकों से व्यापारी और किसानों के बीच की दूरी कम होगी। समाचार एजेंसी एएनआइ को दिए एक्सलूसिव इंटरव्यू में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि विधेयक के बाद किसानों के उपज की खरीद के लिए व्यापारी खुद उनके घर तक आएंगे।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं। वे राजनेता और किसान नेता जो सोचते हैं कि वे विशेषज्ञ हैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। किसान सब कुछ समझते हैं और जानते हैं कि उसकी उपज कौन खरीदेगा। जैसे कि व्यापारियों को उपज खरीदना है और जब उपज मंडियों तक नहीं आएगी तो  व्यापारियों को किसानों के गांव का दौरा करने और किसानों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने और किसानों की उपज उनके घर जाकर खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा

उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई व्यापारी एक गांव पहुंचता है तो गांव के सभी लोग अपनी उपज बेचने के लिए एक स्थान पर इकट्ठा होंगे। व्यापारी किसानों से चर्चा करने के बाद खरीद की दर तय करेगा। व्यापारी उपज की खरीद करेगा और उसे एक ट्रक में भरकर ले जाएगा। किसान को अपनी फसल की उपज बेचने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी।

संसद ने हाल ही में किसानों का उत्पादन और व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 और मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक, 2020 और किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौते, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को पारित किया। जबकि सरकार इन सुधारों का विरोध करता है, विपक्ष रखता है कि विधान किसान-हितैषी नहीं हैं।

कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि नया बिल किसानों को आजादी देगा और उनके पैसे बचाएगा। उन्होंने आगे कहा कि छोटे किसान मंडी में अपनी उपज लाने में विफल रहते हैं, इस डर से कि लॉजिस्टिक लागत से लाभ मिलने की संभावना कम हो जाएगी। कभी-कभी, जब वे अपनी उपज को मंडियों में लाते हैं तो वे सरकार द्वारा दिए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) का लाभ भी नहीं ले पाते हैं। हम अब उन्हें अपने घरों, खेतों और गोदाम से अपनी उपज बेचने की आजादी दे रहे हैं। अब, व्यापारी किसानों का दौरा करेंगे। पहले किसान व्यापारियों से मिलने जाते थे और व्यापारियों द्वारा जो भी पैसा दिया जाता था, उसे लेते थे।

तोमर ने आगे विस्तार से बताया कि किसानों के पास व्यापारियों के जाने से किसानों के पैसे बचेंगे, जो वे रसद पर खर्च करते थे। उन्होंने कहा कि पहले किसान कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) द्वारा निर्धारित दर पर अपनी फसल बेचने के लिए बाध्य थे और अब वे अपनी उपज कहीं भी बेच सकेंगे।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.