जिंदगी में रखना ध्यान रक्त की कमी से न जाये किसी व्यक्ति की जान

By Ranjana Pandey

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डेस्क।आज वर्ल्ड ब्लड डोनर डे है। दुनिया का कोई भी वैज्ञानिक खून बना नहीं सका है। ना ही कोई ऐसी मशीन बनी है, जिससे खून को बनाया जा सके। जरूरत पड़ने पर एक इंसान का खून ही किसी दूसरे की जिंदगी बचा सकता है।

ऐसे में ब्लड डोनेशन के अलावा इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं हैं। समाज में तमाम लोगों ने ब्लड डोनेशन के महत्व को समझा है। इसीलिए वह खुद भी आगे आते हैं और लोगों को भी ब्लड डोनेशन के लिए मोटिवेट करते हैं।

हालांकि रक्तदान (Blood Donation) के प्रति आज भी लोगों में भ्रांति है कि खून देने से कमजोरी आती है, पर यह गलत है। रक्तिदान करने वाला व्यक्ति हमेशा स्वास्थ्य रहता है। 18 साल से लेकर 60 साल की उम्र वाले लोगों को हर तीन महीने पर रक्तदान करना चाहिए।

रक्तदान करने का सबसे बड़ा फायदा, जिसे आप खून दे रहे हैं उसे नई जिंदगी मिलेगी। दूसरी तरफ डॉक्टरों के मुताबित किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में हर 35 से 40 दिनों के बाद खून नए सिरे से बनने लगता है। ऐसे में रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित और फायदेमंद भी है। ब्लड डोनेशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे सेलिब्रेट किया जाता है।


रक्तदान के फायदे
आपके द्वारा रक्तदान करने का जितना फायदा एक जरूरतमंद को होता है, उससे कहीं ज्यादा फायदा रक्तदान करने वाले को मिलता है। रिसर्च के मुताबिक लगातार रक्तदान करने से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा दूर रहता है। यही नहीं ऐसा करने से हमारे खून में कोलेस्ट्रॉल भी जमा नहीं होता है और साथ ही जो वायरस हमारे शरीर में अपनी जगह बना लेते हैं, वे भी रक्तदान के दौरान शरीर से बाहर निकल जाते हैं।

कौन कर सकता है रक्तदान?
18 से 65 वर्ष के बीच का कोई भी शख्स जिसका ह्यूमोग्लोबिन 12.5 फीसदी से ज्यादा हो और उसका वजन कम से कम 45 किलोग्राम हो। ऐसा व्यक्ति ही रक्तदान कर सकता है। अगर कोई शख्स ऐसा है, जिसका शुगर लेवल 225 तक है और वो इंसुलिन न लेता हो तो वो भी रक्तदान कर सकता है। उसका रक्त किसी ऐसे इंसान को ही चढ़ाया जाता है जिसको शुगर की समस्या हो। वहीं अगर शुगर का मरीज लगातार अपना रक्तदान करता है तो उसका नया खून जब बनेगा तो वो शुगर रहित होगा क्योंकि हमारा शरीर शुगर वाला खून नहीं बनाता है। इसमें ये ध्यान रखने की जरूरत होती है कि एक रक्तदान व दूसरे रक्तदान के बीच करीब 3 से 6 महीने का गैप रहे।

एक यूनिट ब्लड बचाता है चार लोगों की जान
आपके द्वारा किया गया रक्तदान किसी एक या दो नहीं बल्कि चार लोगों तक की जान बचाता है। जब एक यूनिट ब्लड के चार हिस्से किये जा सकते हैं। ब्लड के रेड ब्लड सेल और वाइट ब्लड सेल अलग-अलग कर दिये जाते हैं। साथ ही ब्लड से प्लाज्मा भी अलग किया जाता है। जिसके बाद एक शख्स के एक यूनिट ब्लड से चार लोगों चार लोगों की जान बचाई जा सकती है।

ब्लड डोनेशन के फायदे

  • हार्ट अटैक की आशका कम हो जाती है।
  • कैंसर और दूसरी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है।
  • शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है।
  • जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है।

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Ranjana Pandey

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