घरेलू गैस की कीमतों में वृद्धि लगभग तय; बढ़ सकती है CNG और पाइप्ड गैस की कीमतें

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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नई दिल्ली। सरकार को इस बात का अहसास हो गया है कि अगर देश की इकोनोमी में गैस की खपत की हिस्सेदारी मौजूदा 7 फीसद से वर्ष 2030 तक बढ़ा कर 15 फीसद करनी है तो घरेलू गैस की कीमत तय करने के मौजूदा तरीके को बदलना होगा। ऐसे में बहुत संभव है कि अगले कुछ दिनों में घरेलू फील्ड से निकाली जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने के फार्मूले को इस तरह से बदला जाए कि गैस उत्पादक कंपनियों की लागत निकल सके।

संभावना है कि मौजूदा फार्मूले की जगह जापान-कोरिया मार्केट प्राइस के आधार पर भारतीय गैस फील्डों से निकलने वाली गैस की कीमत तय की जाए। यह फार्मूला देश में गैस की कीमत बढ़ा कर 4 डॉलर प्रति एमएमबीटी (प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट- गैस मापने का मापक) कर सकती है। इसका असर यूरिया व अन्य फर्टलाइजर की लागत पर तो पड़ेगी लेकिन इससे देश के घरेलू सेक्टर में निवेशकों को ज्यादा आकर्षित किया जा सकेगा।

भारत में घरेलू गैस की कीमत तय करने का मौजूदा फार्मूला वर्ष 2014 से लागू है। इसके तहत हर छह महीने पर गैस की कीमत तय करती है जो अभी 2.39 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है। यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमत से तय होती है। हाल के दिनों में गैस की कीमतों में और गिरावट को देखते हुए बहुत संभव है कि 1 अक्टूबर, 2020 से घरेलू कंपनियों (ओएनजीसी, ओआइएल, रिलायंस, वेदांता आदि) के लिए गैस की कीमत और घटा कर 1.90 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू होने की संभावना है।

घरेलू गैस की कीमत में पिछले दो वर्षों से लगातार कमी हो रही है। दूसरी तरफ हाल ही में पेट्रोलियम मंत्रालय के समक्ष एक प्रेजेंटेशन में इन कंपनियों की तरफ से बताया गया है कि घरेलू फील्ड से गैस निकालने की लागत और थोड़ी बहुत मार्जिन जोड़ने पर इसकी कीमत 4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से कम नहीं होनी चाहिए। इनका कहना है कि नई कीमत पर गैस उत्पादन बिल्कुल भी संभव नहीं होगा।

सरकार भी मान रही है कि अगर भारत के गैस सेक्टर में देशी-विदेशी निवेशकों को बुलाना है तो उन्हें बेहतर मौका देना होगा। पेट्रोलियम मंत्रालय व सरकारी तेल कंपनियों के सूत्रों का कहना है कि भारत अपनी खपत का 50 फीसद गैस बाहर से आयातित करता है और आयातित गैस पर निर्भरता तभी दूर होगी जब यहां कंपनियों को गैस उत्पादन में फायदा हो।

पीएम नरेंद्र मोदी कई बार यह कह चुके हैं कि वर्ष 2030 तक देश में ऊर्जा खपत का 15 फीसद गैस आधारित होनी चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार ने बहुत ही तेजी से देश भर में पाइपलाइन गैस आधारित योजना लागू करनी शुरू की है। साथ ही ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भी गैस की खपत बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। दूसरी तरफ घरेलू गैस का उत्पादन अप्रैल-अगस्त, 2020 के दौरान 13 फीसद घटा है। सरकारी क्षेत्र की तेल व गैस उत्पादक कंपनी ओएनजीसी का मुनाफा अप्रैल-जून 2020 में 92 फीसद कम हुआ है और इसके लिए घरेलू गैस की कम कीमत बड़ी वजह साबित हुई है। इन सब मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ही सरकार घरेलू गैस की कीमत बढ़ाने को लेकर गंभीर है।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.