सागर “शुभम यादव”: एक दौर था 1970 से 1980 का जब चीन और भारत की अर्थव्यवस्था लगभग बराबर थी लेकिन ऐसा क्या हुआ कि चीन हमसे 5 गुना बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया आइए विस्तार से जानते है ।चाइना ने अपने देश मे ‘ओपन मार्केट पॉलिसी’ अपनाई ।
जिसमे पूरी दुनिया के लोगों से कहा आप किसी भी चीज़ को बनाते है जैसे मोबाइल , लेपटॉप या कोई भी अन्य वस्तु तो उस का उत्पादन वह अपने देश मे कम मूल्य में कराएगा ।
अमेरिका , भारत , UAE , आदि देशों में लेवर का वेतन बहुत महंगा होता है बात करे अमेरिका की तो अमेरिका में एक लेवर का एक दिन का खर्च लगभग 2000 रुपए आता है । वही अगर भारत की बात की जाए तो यहाँ किसी को अपने समय की कीमत नही पता । हमारे यहाँ अगर किसी लेवर को 8 बजे बुलाया जाये तो वह 9 बजे आयेगा ओर उसमे भी आधा घंटा गुटखा , खैनी में निकाल देता है ।
बड़ी बड़ी कंपनियों ने यही बात देखी की अमेरिका और अन्य देशों के मुकाबले चाइना में कम बजट में बहुत सुबिधाये है ।चाइना में प्रत्येक कर्मचारी को अपने काम की अधिक चिंता होती है । वे अपने काम को महत्व देते है , वही अगर भारत की बात की जाए तो यहाँ किसी को अपने समय की कीमत नही मालूम हमारे यहां बहुत से सरकारी नौकरी वालो ने इतना भृष्ट बनाकर रखा है कि कुछ मत पूंछो ।
और जब प्राईबेटेसन की बात होती है तब सरकारी कर्मचारी चिल्लाने लगते है आंदोलन प्रदर्शन आदि करने लगते है । अरे भैया तुम करते क्या हो , तुम्हे बस अच्छी सैलरी सभी सरकारी सुविधाये चाहिये औऱ उसके बाद भी किसी किसी का घूस के बिना पेट नही भरता औऱ यहाँ घूस ना दो तो काम अटक जाता है ।
अगर उदाहरण देखना है तो आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खाता खुलवाने जाइये आपको नानी याद आ जायेगी खाता खुलवाने में , औऱ वही किसी प्राइवेट बैंक जैसे HDFC में बस अपना आधार कार्ड ,एक फ़ोटो औऱ मोबाइल नम्बर दे दीजिए और तो और वे आपके घर पर आके खाता खोल देंगे ।
यह सभी चीजें चाइना ने कंट्रोल करके रखी है । चाइना में ECO सिस्टम है वहां किसी भी प्रकार की लेवर यूनियन नही होती । बगावत करने का कोई चांस नही वहां वर्कर समय से आएंगे और समय से अपना काम करके चले जायेंगे । हमारे यहां किसी गलत आदमी को हटा दिया तो लोग हड़ताल पर उतर आते है । चाइना कंपनियों को एक अलग से सड़क सुविधा देते है जिससे टाइम की अत्यधिक बचत होती है ।
हमारे यहाँ अगर सुधा दूध डेरी का ट्रक गांधी सेतु पुल पर ट्रैफिक की बजह से फस जाता है । जिससे उसका सारा दूध फट जाता है । तो कही ना कही पीछे होने के जिम्मेदार हम स्वयं है । चाइना ने अपना ECO सिस्टम इतना मजबूत कर लिया कि पूरी दुनिया की कंपनियां यहां आने को मजबूर हो गयी । इसी वजह से चाइना इंडस्ट्रीयल हब बन गया ।
औऱ एक कारण और चाइना में एक ही पार्टी है चुनाव का कोई झमेला नही होता वहां 10 साल में एक बार चुनाव होता है वही हमारे यहां एक बार चुनाव होगा प्रधानमंत्री का और हर साल अलग अलग राज्यो में मुख्यमंत्रीयो के चुनाव होते रहते है यहां के नेता 5 साल में से साढ़े पाँच साल इसी में निकाल देते है कि किस तरह से चुनाव जीता जाए ।
इसीलिए डेवलपमेंट का एक रास्ता औऱ कम होता है वरना चाइना के पास ज्यादा तर पहाड़ी क्षेत्र है यहां सिर्फ 30% जमीन ही है रहने के लिए । लेकिन इसके बाबजूद दुनिया मे सबसे ज्यादा चायपत्ती , चावल , कपास , अफीम इत्यादि चीज़ों का भरमार चाइना के पास है । और हम लोग सिर्फ देख रहे है , हमारे यहाँ नेतृत्व की कमी भी कही ना कही पिछडे होने का कारण बना हुआ है ।
लेखक:- सागर “शुभम यादव”