भारतीय तेज गेंदबाज पंकज सिंह ने लिया संन्यास, राजस्थान को दो बार रणजी चैंपियन बनाने में रहा अहम रोल

Ranjana Pandey
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डेस्क।दाएं हाथ के भारतीय तेज गेंदबाज और राजस्थान रणजी टीम के पूर्व कप्तान पंकज सिंह ने 15 साल से ज्यादा लंबे करियर को अलविदा कह दिया। 36 वर्षीय पंकज ने शनिवार को सोशल मीडिया के जरिये क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट (टी20, वनडे, टेस्ट) से संन्यास की घोषणा कर दी। पंकज ने राजस्थान की सफलता में अहम योगदान दिया। पंकज ने पहला रणजी मैच वर्ष 2004 में सेना के खिलाफ खेला था।

उनके नाम रणजी में सबसे पहले 400 विकेट लेने वाला गेंदबाज बनने का रिकॉर्ड भी है। साल 2008 में जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी तो पंकज भी साथ गए थे। हालांकि इस दौरे पर उन्हें टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला।


वर्ष 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ खेले दो टेस्ट

साल 2010 में पंकज का चयन भारतीय टीम में जिम्बाब्वे दौरे के लिए किया गया। वहां पंकज ने श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला वनडे खेला। बाद में उनका चयन एक बार फिर वर्ष 2014 में इंग्लैंड दौरे के लिए टीम इंडिया में किया गया। तब पंकज ने दो टेस्ट खेले। इसके अलावा पंकज आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू टीम का हिस्सा रहे थे। उन्होंने IPL में कुल 17 मैच में 11 विकेट लिए।


रणजी में पुडुचेरी के लिए भी खेले पंकज

पंकज ने कुछ रणजी सीजन पुडुचेरी के लिए खेले और इस दौरान बेहतरीन प्रदर्शन किया। साल 2018 में पुडुचेरी की तरफ से पंकज ने रणजी सीजन में सर्वाधिक 46 विकेट झटके। बीते कुछ समय से पंकज चोट से भी जूझते रहे हैं। रिटायरमेंट की घोषणा के बाद पंकज ने कहा कि 15 साल के लंबे करियर के बाद संन्यास की घोषणा करना बहुत ही इमोशनल पल है। इस दौरान कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। राजस्थान की कप्तानी करना सुखद अनुभव रहा। पंकज ने रणजी में कुल 409 विकेट लिए। उनके 117 फर्स्ट क्लास मैच में 472, 79 लिस्ट ए मैच में 118 और 57 टी20 मैच में 43 विकेट दर्ज है। पंकज ने राजस्थान को लगातार दो साल (2010-11, 2011-12) रणजी चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।

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