आलिया भट्ट के समर्थन में आए श्री श्री रविशंकर, बोले- कन्या कोई दान करने की चीज नहीं…

आलिया भट्ट (Alia Bhatt) के ‘कन्यामान’ वाले विज्ञापन पर अब आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और भारतीय धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

Ranjana Pandey
3 Min Read

आलिया भट्ट (Alia Bhatt) के ‘कन्यामान’ वाले विज्ञापन पर अब आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और भारतीय धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. आलिया भट्ट के इस विज्ञापन का श्री श्री रविशंकर ने समर्थन किया है. रिपब्लिक को दिए एक इंटरव्यू में श्री श्री रविशंकर ने कहा कि कन्या कोई वस्तु नहीं है, जिसका दान किया जाए. साथ ही उन्होंने वैदिक परंपराओं को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने यह भी कहा कि ‘कन्यादान’ की प्रथा को समाप्त किया जाना चाहिए.

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उन्होंने ‘पाणिग्रह’ की प्राचीन वैदिक परंपरा का भी जिक्र कियाइंटरव्यू में श्री श्री रविशंकर ने कहा कि विशेष रूप से श्रुतियों में कन्यादान जैसी चीज का कहीं भी जिक्र नहीं है. स्मृतियों में बाद में यह चीज रखी गई पाणिग्रह, जिसमें हाथ पकड़ा जाता है. पणिग्रह वैदिक संस्कृत शब्द है. इसमें हाथ में हाथ पकड़े रहना होता है, फिर वह चाहे पति, पत्नी का पकड़े या पत्नी पति का. हमारी वैदिक सांस्कृतिक व्यवस्था में लैंगिक समानता बहुत अधिक है. युगों-युगों से जो हुआ वह यह कि उसमें कई बदलाव आ गए और फिर कन्यादान को उसका अंग बना दिया गया. कन्या, दान के रूप में दी जाने वाली वस्तु नहीं है.


श्री श्री रविशंकर ने की कन्यादान प्रथा को खत्म करने की बात
श्री श्री रविशंकर का ये भी मानना है कि इस सदियों पुरानी प्रथा के पीछे के विचार और अर्थ को पिछले कई वर्षों में बिगाड़ दिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि मैं इसे हमेशा पाणिग्रह कहना पसंद करूंगा, जहां पिता कहते हैं ‘तुम मेरी बेटी को संभालो.’ यह इसका सही अर्थ है, लेकिन इसे मध्य युग में कहीं न कहीं ‘दान’ के रूप में खराब कर दिया गया है. मैं कहूंगा कि कन्यादान को हटा दिया जाना चाहिए. जब आप इसे हटा देंगे, तो यह किसी भी तरह से हमारी वैदिक स्थिति या सिद्धांत या दर्शन को कम नहीं करेगा.


आपको बता दें कि हाल ही में आलिया भट्ट का एक विज्ञापन जारी हुआ, जिसमें वह कपड़ों के ब्रैंड मान्यवर मोहे के ब्राइडल कलेक्शन को प्रमोट करते हुए एक सोशल मैसेज देती नजर आईं. यह सोशल मैसेज था कि लड़कियों का कन्यादान नहीं, बल्कि उनका मान-सम्मान होना चाहिए. आलिया के इस विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स दो खेमे में बंट गए हैं.
एक तरफ जहां कुछ यूजर्स आलिया भट्ट और मान्यवर मोहे के इस पहल की सराहना कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर कुछ यूजर्स ऐसे भी हैं, जो आलिया भट्ट और मान्यवर मोहे पर हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगा रहे हैं. आलिया के इस विज्ञापन की आलोचना करने वालों में अभिनेत्री कंगना रनौत का नाम भी शामिल है, जिन्होंने अपने हालिया पोस्ट में मान्यवर मोहे और आलिया भट्ट को खूब खरी खोटी सुनाई.

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