मजदूर हर जगह से हो कर मजबूर,लाकडाउन मे हो गए सबसे दूर,कभी गांव घर से निकले थे कमाने घर की जिम्मेदारियों को चले थे निभाने,
किसी ने दिन रात की फैक्ट्री में मेहनत तो किसी ने दिन रात एक कर दिए लोगो के महल जैसे घर बनाने में, मिलता थोड़ा धन तो कुछ से राशन-
पानी तो कुछ घर के लिए बचाते,
ऐसा कर वो अपने एक एक दिन बीतते,
फिर आई एक मनहूस खबर
लग गया हर जगह देश में ताला,
इन सब के चक्कर में छीन गया
मजदूर के मुंह से निवाला पैदल हर कोई घर के लिए निकल पड़ा
कोई था बिना चप्पल के तो किसी के पैर में था पड़ा छाला जो कभी थे,
इनके मालिक उन्होंने भी इनसे मुंह मोड़ा
हर जगह से इन मजदूरों को तोड़ा
कुछ समाज के रक्षक इनकी सच मे करते मदद तो कुछ लोग
इनकी बेबसी का उठाते रहे ।
फायदा इसी लिए मजदूर हर जगह से हो कर मजबूर
लॉकडाउन मे हो गए सबसे दूर –
सामाजिक कार्यकर्ता सीमा वर्मा छत्तीसगढ़ राज्य डिस्ट्रिक्ट बिलासपुर