जिला – सिवनी के विशेष न्यायालय (भष्ट्राचार निवारण अधिनियम 1988) ने रिश्वत के एक और मामले में सजा सुनाई है । मीडिया सेल प्रभारी मनोज सैयाम द्वारा बताया गया कि । यह घटना वर्ष 2016 की है घटना के समय इस मामले का अभियुक्त नरेंद्र जैन थाना कोतवाली सिवनी में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ था जिसके द्वारा थाना- कोतवाली के अपराध क्रमांक 993/15 में दर्ज धारा -420 (34) भा0द0वी0 के अंतर्गत आरोपी , रजनी कोष्टा , दिनेश पाटिल एवं मोहन लांजेवार के विरूद्ध फरियादिया श्रीमति वैजंती बघेल के द्वारा की गई शिकायत पर विवेचना की जा रही थी । विवेचनाधिकारी नरेंद्र जैन के द्वारा उक्त तीनों आरोपीगणों को गिरफ्तार करने की एवज में 1 लाख रुपये की मांग फरियादिया वैजन्ती बघेल से कर रहा था ।
जिसकी शिकायत फरियादिया के द्वारा दिनांक 01-03-16 को लोकायुक्त पुलिस जबलपुर को की थी ।जिसके बाद गिरफ्तार करने के एवज में 4000 रुपये रिश्वत देने की बात तय हुई थी ।दिनांक 04-03-16 को अभियुक्त नरेंद्र जैन , वैजंती बघेल के घर ग्राम मानेगांव स्थित घर में पहुँचा जहाँ पर पहले से लोकायुक्त पुलिस दूसरे कमरे में छुप कर बैठी थी । अभियुक्त के रिश्वत मांगने पर वैजन्ती बघेल ने उसे 2000रुपये दिए जिसे अभियुक्त ने अपनी पेंट की जेब मे रख लिया तभी लोकायुक्त पुलिस की टीम निरिक्षक मनोज गुप्ता के साथ कमरे बाहर आकर अभियुक्त नरेंद्र जैन को पकड़ लिया और उसके उसके पास से रिश्वत के 2000 रुपये बरामद कर कार्यवाही की गई और अपराध कायम कर विवेचनापूर्ण पश्चात माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था । जिस पर विशेष न्यायाधीश श्रीमान संजीव श्रीवास्तव की न्यायायल में सुनवाई की गई ।
जिसमे शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती – दीपा मर्सकोले , जिला अभियोजन अधिकारी सिवनी के द्वारा गवाहों और सबूतों को पेश किया और महत्वपूर्ण और विधिक तर्क प्रस्तुत कर अभियुक्त के द्वारा रिश्वत लेने के अपराध को प्रमाणित कराया । जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा विश्ववसनीय साक्ष्य को द्रष्टिगत रखते हुए आरोपी नरेंद्र जैन को भष्ट्राचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7 में 3 वर्ष , धारा- 13(1)डी0, 13(2) – में 4 वर्ष के कारावास एवं 10 हजार रुपये जुर्माना और न देने पर 6 -6 माह के अतिरिक्त कारावास का निर्णय दिनांक 31-12-18 को सुनाया है ।।