सिवनी। 30 जून 2020 को 7:00 बजे प्रार्थी या ज्ञानवती गांव सिमरिया थाना एवं तहसील कुरई निवासी पत्नी जब वह अपने घर पर थी तब उसके घर पर उसका भतीजा आरोपी राजू विश्वकर्मा आया बोला कि फूफा खेत तरफ चल कर आते हैं।
ऐसा कहते हुए अपने साथ खेत ले गया। जब रात 8:00 बजे तक ज्ञानवती का पति घर वापस नहीं आया तब पत्नी ज्ञानवती ने अपने पति को गांव वालों के साथ तलाश करना शुरू किया लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला।
दूसरे दिन 1 जुलाई 2020 को पत्नी ज्ञानवती की सौतेली मां सिया बाई अभियुक्त राजू विश्वकर्मा से अपने दामाद बलवाल विश्वकर्मा के बारे में पूछने गई।
उसके बाद वापस आकर बताई कि राजू बता रहा है कि उसने कुल्हाड़ी से बलवान को शोधा कहने पर मार डाला और लाश को खेत के टपरे से खींचते हुए नदी के पानी में खड़िया डालकर छुपा दिया। घटना की जानकारी गांव के कोटवार द्वारा घटना की सूचना थाना कुरई पुलिस को दी गई।
पुलिस ने कार्रवाई कर अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302, 201 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया।
अभियोजन की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्षक एवं तर्क तथा बचाव पक्ष की ओर से प्रस्तुत तर्क का अवलोकन करते हुए माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पवन कुमार शर्मा द्वारा आज 7 मार्च 22 को निर्णय एवं दंड आदेश प्राप्ति करते हुएआरोपी राजू विश्वकर्मा हत्या का दोषी पाते हुए साक्ष्य का विलोपनकिया।
भारतीय दंड विधान की धारा 302 में आजीवन कारावास एवं ₹2000 का अर्थदंड एवं धारा 201 में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं ₹1000 अर्थदंड से दंडित किया गया, शासन की ओर से लोक अभियोजक जीवनलाल बिसेन द्वारा पैरवी की गई।