COVID-19 Vaccination / कोरोना का टीका बांह पर ही क्‍यों लगाया पिछवाड़े में क्यों नहीं ? आइये जानते है

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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COVID-19 Vaccination: दुनिया के अब तो करोड़ों की संख्या में लोगों ने कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने के लिए आस्तीन उठाया, लेकिन क्यों नहीं वे पैंट हटाकर पैर पर फिर पिछवाड़े पर टीका लगवाते हैं? क्यों हम ज्यादातर बांह पर ही टीके लेते हैं? अक्सर लोग ये सवाल करते हैं, और बांह पर टीके लगाए जाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी पूछते है और हर बार निराशा ही हाथ लगती थी. परन्तु अब इस बार ऐसा नहीं होगा, आज आपको इन सभी सवालों के जवाब बताएंगे।

टीकों के लिए जरूरी होती है मांसपेशियां ?

सभी नहीं लेकिन ज्यादातर टीके मांसपेशियों में दिए जाते हैं, इन्हें इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन कहा जाता है। कुछ टीके जैसे रोटा वायरस (Rota Virus) टीके मुंह के रास्ते दिए जाते हैं। वहीं अन्य टीके जैसे खसरा, रूबेला के त्वचा के नीचे दिए जाते हैं। हालांकि, कई अन्य मांसपेशियों में दिए जाते हैं। लेकिन मांसपेशियां क्यों इतनी अहम है और उसका स्थान क्यों महत्वपूर्ण है? क्यों कंधे के ऊपरी हिस्से में बांह की मांसपेशियों को डेलटॉयड कहा जाता है? आइए जानते हैं…

मांसपेशियों में होते हैं इम्यूनाइजेशन सेल

स्टडी के अनुसार, मांसपेशियां टीका लगाने का बेहतरीन स्थान होती हैं, क्योंकि मांसपेशियों के टिशू (Tissue) महत्वपूर्ण प्रतिरक्षण कोशिकाएं (Immunization Cells) धारण किए होते हैं। ये प्रतिरक्षण कोशिकाएं टीके के जरिए प्रतिरोपित वायरस एवं बैक्टिरिया के टुकड़े एंटीजन (Antigen) की पहचान करती हैं और एंटीबॉडी (Anti-Body) बनाने के लिए प्रतिरक्षण प्रणाली को एक्टिव करती है। 

शरीर में इस प्रोसेस से काम करता है टीका

हालांकि, कोविड-19 के टीके में एंटीजन नहीं डाले जाते, बल्कि टीके के माध्यम से एंटीजन पैदा करने के लिए खाका डाला जाता है। मांसपेशियों में मौजूद प्रतिरक्षण कोशिकाएं इन एंटीजन को पकड़ती हैं और उन्हें लसीका पर्व को प्रस्तुत करती हैं। मांसपेशियों के ऊतकों (Tissue) में टीका लगाने से टीका स्थानीय स्तर पर ही रहता है, और वहां की प्रतिरक्षण कोशिकाएं अन्य प्रतिरक्षण कोशिकाओं को काम करने के लिए आगाह करती हैं।

इम्यूनाइजेशन सेल करते हैं टीके की पहचान

प्रतिरक्षण कोशिकाएं द्वारा एक बार टीके की पहचान किए जाने के बाद ये कोशिकाएं एंटीजन को लसीका नलिका में ले जाती है, जो प्रतिरक्षण कोशिका वाले एंटीजन को लसीका पर्व तक ले जाते हैं। जो हमारे प्रतिरक्षण प्रणाली का अहम हिस्सा है। यहीं पर अधिक प्रतिरक्षण कोशिकाएं होती हैं, जो टीके में मौजूद एंटीजन की पहचान कर एंटीबॉडी बनाने की प्रतिरक्षण प्रणाली शुरू करती है।

इसलिए कंधे के ऊपरी हिस्से में लगाए जाते हैं टीके

टीका लगाने के स्थान पर लसीका पर्व का झुंड होता है। उदाहरण के लिए कई टीके ‘डेलटॉयड’ में लगाए जाते हैं क्योंकि लसीका पर्व ठीक कांख के नीचे होते हैं। जब टीका जांघ में लगाया जाता है, तो लसीका नलिका को उरुसंधि (ग्रोइन) में मौजूद लसीका पर्व के झुंड तक पहुंचने के लिए अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़ती। वह मांसपेशियों गतिविधियों को स्थानीय रखती हैं। मांसपेशियों के टिशू भी टीके की प्रतिकिया को स्थानीय रखते हैं। 

किस तरह किया जाता है टीके के स्थान का चयन?

डेलटॉयड में टीका लगाने से स्थानीय स्तर पर सूजन या दर्द टीके लगाने के स्थान पर हो सकता हैं। अगर ऐसे टीके मोटे टिशू में लगाए जाते हैं तो असहजता या सूजन बढ़ने का खतरा है क्योंकि मोटे टिशू में खून का संचार ठीक से नहीं होता, इससे टीके के कुछ अवयव ठीक से नहीं सोखे जाएंगे।

टीके में कुछ सहायक या तत्व होते हैं जो एंटीजन के प्रति प्रतिरक्षण प्रतिक्रिया को बढ़ाते हैं। इसे मांसपेशियों में दिया जाना चाहिए ताकि असहजता और सूजन से बचा जा सके। मजबूत प्रतिरक्षण प्रतिक्रिया में सहायक कई तरह से काम करते हैं।

इसलिए छोटे बच्चे की जांघ में लगाया जाता है टीका

टीका लगाने के स्थान का फैसला करने में एक और अहम तथ्य निर्भर करता है, वह है मांसपेशियों का आकार। एडल्ट्स और तीन साल या इससे ऊपर के बच्चों को बांह के ऊपरी हिस्से डेलटॉयड में टीका दिया जाता है। इनसे छोटे बच्चे को जांघ के बीच में टीका दिया जाता है क्योंकि उनकी बांह छोटी और कम विकसित होती है। टीका देने के स्थान का चुनाव करने में एक और पहलू सुविधा और मरीज की स्वीकार्यता है।

आस्तीन ऊपर करना पैंट उतारने से ज्यादा आसान

क्या आप बड़े टीकाकरण केंद्र में पैंट उतारने की कल्पना कर सकते हैं? आस्तीन ऊपर करना अधिक आसान है और अधिक पसंद किया जाता हैं। संक्रामक बीमारी जैसे फ्लू सत्र और कोविड-19 जैसी महमारी में हमारे जन स्वास्थ्य प्रणाली द्वारा कम से कम समय में अधिक लोगों के टीकाकरण की जरूरत है।

इस कारण से बांह पर टीका दिया जाता है क्योंकि बांह के ऊपरी हिस्से तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। इन सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद जब फ्लू या कोविड-19 का टीका लगाया जाता है तो अधिकतर वयस्क और बच्चे बांह पर टीका लगाना पसंद करते हैं।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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