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ऑक्सीजन की कमीं से थमतीं सांसें

By SHUBHAM SHARMA

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लेखक: सतीष भारतीय

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देश में कोरोना के मामलों में जिस तरह मुसलसल इजाफा हो रहा है उससे अस्पतालों की दशा बदहाल हो गयी है आलम यह की एक तरफ मरीजों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही तो वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन की कमीं से मौतों की रफ्तार तेज हो गयी है। हाल ही में मध्यप्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्‍सीजन की कथित कमीं से 12 कोरोना मरीजों की मौत का मामला सामने आया।

अलीगढ़ जिले में ऑक्सीजन की कमी से एक के बाद एक साथ पांच मरीजों की मौत हुयीं। गुजरात में डीसा शहर के अस्पताल में 02 कोरोना मरीजों की  ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाने से मौत हो गयी। वहीं महाराष्ट्र के नासिक में बुधवार को ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक में रिसाव के कारण दम घुटने से वेंटिलेटर पर मौजूद 22 रोगियों की मौत हो गई।

मध्यप्रदेश के जबलपुर संभाग के गैलेक्सी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म होने से 5 लोगों की मौत हो गई तथा स्थिति ऐसी पैदा हो गयी कि 22 अप्रैल को भोपाल में ऑक्सीजन की कमीं से 6000 से ज्यादा भर्ती मरीजों की सांसें फूल गयीं और हर जगह 100 टन ऑक्सीजन की जरूरत है और 80 टन बड़ी मुश्किल से सप्लाई हो पा रही है भोपाल में दशा यह है कि बीएचईएल कारखाने में ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए 3 किलोमीटर लंबी कतार लग गई।

मध्य प्रदेश जैसे राज्य में 441 टन ऑक्सीजन की जरुरत है, जबकि आपूर्ति अभी 385 टन हो रही है। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल ने 23 अप्रैल को कहा था कि पिछले 24 घंटे में उनके अस्पताल में 25 गंभीर मरीजों की मौत हो गई है हमारे यहाँ कुछ घंटों के लिए ऑक्सीजन बची है तथा वेंटिलेटर भी सही काम नहीं कर रहे हैं और सुबह अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई की गयी है। 

आपको सचेत कर दें कि राजधानी  दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। केजरीवाल सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि राजधानी के कई अस्पतालों में सिर्फ कुछ घंटों की ही ऑक्सीजन बची है, जिससे मरीजों की जान पर नौबत आ गयी है। केजरीवाल सरकार ने ऑक्सीजन को एयरलिफ्ट कर के लाने की मांग तक की।

हालांकि, कोर्ट ने इसे खतरनाक करार दिया और इसे सड़क या रेल मार्ग से लाने के निर्देश भी दिए हैं और हाल ही में भारतीय रेलवे ने मेडिकल ऑक्सीजन ले जाने के लिए ,ऑक्सीजन एक्स्प्रेस, नामक रेलगाड़ी चलाने की योजना बनाई है और इसके लिए ग्रीन कारिडोर बनाए जा रहे हैं जिससे ट्रेन की रुकावट ना हो सके। 

दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने देश में ऑक्सीजन और जीवनरक्षक दवाओं की कमी के मुद्दे का स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने इस मुद्दे पर सुनवाई हेतु अपनी अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच का गठन भी कर दिया है, जो इससे संबंधित मामलों की सुनवाई करेगी। 

हालांकि सरकार ने 07 राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश के लिए ऑक्सीजन कोटा बढ़ा दिया और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि ऑक्सीजन की मांग व पूर्ति पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है लेकिन यह शब्द सुनने में उपयुक्त लग रहें हैं मगर ऑक्सीजन की कमीं से देश के विभिन्न शहरों के अस्पतालों में मुसलसल मौतें हो रही है और मौतों का सिलसिला जारी है। 

वहीं देश में 3500 ₹ में मिलने वाला रेमडेशिविर इंजेक्शन कानपुर में 7000 हजार में मिलने की खबर भी सामने आई तथा महाराष्ट्र में तो हद तब हो गयी जब महाराष्ट्र के लोग रेमडेशिविर इंजेक्शन के लिए 60000 ₹ से 70000 ₹ तक देने को मुस्तैद हो गये।

यदि हम मुल्क में कोरोना मामलों  की बात करें तो देश में महाराष्ट्र तथा उत्तरप्रदेश सहित देश के 10 राज्यों में 77% से ज्यादा मामले आ रहे हैं देश की राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में 1 घंटे की ऑक्सीजन बची है ऐसी खबरें भी हमारे सम्मुख आयीं है आल इंडिया इंडस्ट्रियल मेन्युफेक्चरल ऐसोसिएशन के मुताबिक देश में रोज 7300 मैट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है और ऑक्सीजन का कुल स्टॉक तकरीबन 58000 मैट्रिक टन का है केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन के उत्पादन में एक हजार मीट्रिक टन के इजाफे का दावा किया कि 6 हजार एमटी से ज्यादा मेडिकल यूज के लिए सप्लाई दी जा रही है जबकि उद्योगों के हिस्से में सिर्फ 2500 एमटी ही आती है। इससे आप तसव्वुर कर सकते हैं देश में ऑक्सीजन की पूर्ति किस मात्रा तक हो सकती है।

हमारे देश में दिन-ब-दिन कोरोना के मामले बढ़ रहे और कोरोना के साथ हमें बहुत सी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा अब परिस्थितियां ऐसी आ गयीं हैं कि कोरोना बढ़ रहा है और ऑक्सीजन घट रही है तथा  सरकार से देश की स्थिति संभाली नहीं जा रही है अब सही मायनों में हमें देश को कोरोना से और ऑक्सीजन की कमीं दोनों से बचाना है

हमारे सम्मुख उदाहरण है एक ऐसे अर्जमन्द शख्स का जिनका नाम शहनवाज शेख है जो मुम्बई के है जिन्होंने अपनी 22 लाख ₹ की एसयूवी कार बेचकर उन पैसों से 160 आक्सीजन के  सिलेंडर खरीदकर जरूरतमंदों लोगों तक पहुंचाए है यह राष्ट्रवाद का उपयुक्त  उदाहरण भी है

इसके साथ इस वक्त सरकार के साथ आवाम को भी कोरोना और आक्सीजन की समस्या का समाधान ढूँढने के लिए अपने अवश्यंभावी कर्तव्य निभाने की दरकार है यदि आप बिना किसी वाजिब कारण से घर से नहीं निकलते हैं तो यह भी एक कोरोना को रोकने में अवदान साबित होगा।

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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