चीन पर लगाम लगाने समेत कई अहम मुद्दों को लेकर क्वाड के चारों देशों के प्रमुखों की 12 मार्च को होगी पहली बैठक

Khabar Satta
By
Khabar Satta
खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
5 Min Read

नई दिल्ली। इस हफ्ते का शुक्रवार यानी 12 मार्च, 2021 का दिन वैश्विक कूटनीति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के तौर पर याद रखा जाएगा। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती चुनौती पर लगाम लगाने के उद्देश्य से चार देशों जापान, आस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका का गठबंधन (क्वाड) के प्रमुखों की पहली बैठक शुक्रवार को होने जा रही है।

वर्चुअल बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अलावा सप्लाई चेन समेत अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

बैठक वर्चुअल होगी, लेकिन इसके बारे में जो जानकारी क्वाड के सदस्य देशों ने दी है, वह इसके महत्व को बताता है। इसमें सिर्फ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक व सैन्य साझा सहयोग के एजेंडे पर ही बात नहीं होगी, बल्कि कोरोना जैसी महामारी से निपटने में उक्त चारों देशों की भूमिका और नए वैश्विक माहौल में सप्लाई चेन की नई व्यवस्था भी बैठक के प्रमुख एजेंडे में शामिल है।

पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ होगी पहली बैठक

पीएम नरेंद्र मोदी की यह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ किसी संगठन के दौरान होने वाली बैठक होगी। मोदी की जापान के पीएम योशिहिदे सुगा और आस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरीसन के साथ वर्चुअल बैठक हो चुकी है। मोदी का बाइडन से अभी तक एक बार टेलीफोन पर विमर्श हुआ है। जानकारों का मानना है कि क्वाड देशों के गठबंधन को ठोस रूप देने और वैश्विक तौर पर उसकी अहमियत को स्थापित करने में इस बैठक का अहम योगदान होगा। यह इस बात का भी संकेत है कि जिस तरह से पूर्व में शीत युद्ध काल में नाटो संगठन के सदस्य देशों की निश्चित अंतराल पर बैठक होती थी, वैसे ही अब क्वाड देशों के प्रमुखों की बैठक भी होती रहेगी।

क्वाड के चारों देशों के प्रमुखों के बीच क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर करेंगे वार्ता

विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि चारों नेताओं के बीच क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर साझा हितों से जुड़े मसलों पर बात होगी। इनके बीच आजाद व सभी देशों के लिए समान अवसर वाले हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर विभिन्न क्षेत्रों का चयन किया जाएगा। समुद्री सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन भी चर्चा का अहम मुद्दा होगा। वैश्विक सप्लाई चेन को लेकर उपजी स्थिति पर भी विमर्श किया जाएगा। माना जा रहा है कि कोरोना काल में चीन की सप्लाई चेन पर बनी निर्भरता की वजह से जो समस्याएं पैदा हुई हैं उस तरह की समस्या आगे ना हो, इसको लेकर विमर्श का दौर शुरू होगा। भारत खास तौर पर इस मुद्दे को आगे बढ़ाना चाहेगा क्योंकि दुनिया में सिर्फ भारत ही चीन के सप्लाई चेन के विकल्प के तौर पर स्थापित हो सकता है।

संचार क्षेत्र में 5जी तकनीक को लेकर भी चारों देश के नेताओं के बीच विमर्श होगा

संकेत है कि संचार क्षेत्र में 5जी तकनीक को लेकर भी उक्त नेताओं के बीच विमर्श होगा। सनद रहे कि चीन की 5जी तकनीक को लेकर पहले ही अमेरिका और भारत अपनी आशंका जता चुके हैं। अमेरिका ने चीन की तकनीकी कंपनियों को प्रतिबंधित कर रखा है। यह पहला मौका होगा जब क्वाड के देशों के बीच तकनीकी सहयोग पर इस स्तर का विमर्श होगा। अभी तक इन देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य सहयोग या युद्धाभ्यास जैसे मुद्दों पर ही बैठकें हो रही थीं। यह भी उल्लेखनीय है कि मंगलवार को ही पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम सुगा के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई है, जिसमें क्वाड से जुड़े मुद्दों पर खास तौर पर चर्चा हुई है। क्वाड देशों के प्रमुखों की बैठक बुलाने में आस्ट्रेलिया के पीएम मॉरीसन की भूमिका भी अहम रही है, क्योंकि उन्होंने ही इस बारे में मोदी और बाइडन से पहले बात की।

Share This Article
Follow:
खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *