रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं, रिवर्स रेपो रेट में भी कोई परिवर्तन नहीं: शक्तिकांत दास

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खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा नीतिगत दरों को लेकर किए गए फैसलों का ऐलान किया। दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी। इस बैठक में इकोनॉमी के मौजूदा स्थिति, लिक्विडिटी की स्थिति और अन्य बिन्दुओं को लेकर व्यापक चर्चा हुई। आरबीआई की एमपीसी की बैठक में रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, बैंक रेट और सीआरआर जैसे प्रमुख नीतिगत दरों की समीक्षा की जाती है और उस पर फैसला किया जाता है।

मौद्रिक नीति समिति की बैठक तीन, चार और पांच फरवरी को हुई। बैठक में सर्वसम्मति से नीतिगत दर (रेपो रेट) को चार फीसद पर यथावत रखने का फैसला किया गया। इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बरकरार रखा गया है। इसके साथ ही मौद्रिक रुख को ‘उदार’ बनाए रखा गया है।

आरबीआई गवर्नर के नीतिगत दरों के ऐलान करने के समय Sensex में जबरदस्त तेजी देखने को मिला और यह 51,000 अंक के स्तर के ऊपरचला गया। सुबह 10:07 बजे Sensex 387.59 अंक यानी 0.77% की तेजी के साथ 51,001.88 अंक के स्तर पर चल रहा था।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्रोथ से जुड़े परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस समय ग्रोथ को बढ़ावा देने को जारी रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रिकवरी के संकेत और बेहतर हुए हैं और ऐसे सेक्टर्स की संख्या बढ़ रही है, जहां चीजें सामान्य हो गई हैं।

आरबीआई गवर्नर ने इस बात पर संतोष जताया कि महंगाई दर छह फीसद के टॉलरेंस लेवल के नीचे आ गई है।उन्होंने ऐलान किया कि रिटेल निवेशक अब सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश और ट्रेडिंग के लिए सीधे आरबीआई में अपना अकाउंट खुलवा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि CRR को दो चरण में रिस्टोर किया जाएगा। पहले चरण में 27 मार्च से 3.5 फीसद का सीआरआर प्रभावी होगा। दूसरे चरण में 22 मई, 2021 से चार फीसद का सीआरआर लागू होगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दूसरी तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में कैपिसिटी यूटिलाइजेशन पहली तिमाही की तुलना में सुधार के साथ 63.3 फीसद पर रही। पहली तिमाही में यह आंकड़ा 47.3 फीसद पर रहा था। हाल के महीनों में एफडीआई और एफपीआई निवेश में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। यह भारतीय इकोनॉमी में फिर से मजबूत हो रहे विश्वास को दिखाता है।

मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट को 4.25 फीसद पर यथावत रखा गया है। इसी तरह रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसद पर यथावत है। दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 फीसद पर रह सकती है। उन्होंने साथ ही कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के अनुमान को संशोधित कर 5.2 फीसद कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में खुदरा महंगाई दर से जुड़े पूर्व के 5.8 फीसद के अनुमान को संशोधित कर 5.2-5 फीसद किया गया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में जीडीपी विकास की दर 8.3-26.2 के बीच रह सकती है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर के छह फीसद पर रहने का अनुमान जाहिर किया है।

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