रावलपिंडी। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने इमरान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन तेज कर दिया है। इस बीच पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने शनिवार को धमकी दी है कि पाकिस्तान सेना को बदनाम करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी सेना और अन्य सरकारी संस्थानों के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ 72 घंटे के भीतर कार्रवाई शुरू की जाएगी। शेख रशीद अक्सर अपने विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। हाल ही में वे गृह मंत्री बनाए गए हैं
पीडीएम, 11 विपक्षी पार्टियों का गठबंधन से बना है। वह भ्रष्टाचार के आरोपों पर 31 जनवरी तक प्रधानमंत्री इमरान खान से इस्तीफा मांग रहा है। पीडीएम अपनी रैलियों के दौरान देश की राजनीति में दखल देने के लिए सेना को आड़े हाथों लिया है। रावलपिंडी में मीडिया से बात करते हुए, रशीद ने पीडीएम प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान की आलोचना की।
पीडीएम ने पहले 31 दिसंबर को संसद से सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की घोषणा की थी, लेकिन तारीख बीत चुकी है और साथ ही सीनेट चुनाव लड़ने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जबकि वे उपचुनावों में भाग लेंगे। रशीद ने कहा कि पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) ने पहले चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने का फैसला किया था। पीपीपी जीत गया है और पीडीएम हार गया है।
पीपीपी ने पीडीएम को घुटनों के बल पर ला दिया- रशीद
रशीद ने आगे कहा कि पीपीपी ने पीडीएम को घुटनों के बल पर लाने के लिए मजबूर कर दिया है। इस बीच, पीडीएम प्रमुख फजलुर रहमान ने कहा कि पीडीएम के भीतर गतिरोध की बात गलत है। यह उसके खिलाफ मीडिया द्वारा चलाया गया एक अभियान है। उन्होंने यह भी कहा है कि इमरान खान और उनकी नाजायज सरकार से देश को छुटकारा दिलाने के लिए पीडीएम दृढ़ है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि विपक्ष का आंदोलन अब केवल प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार पर ही नहीं बल्कि ‘उनके समर्थकों’ के खिलाफ भी होगा।