सिवनी। कोतवाली पुलिस ने जान बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात जान जोखिम में डालकर जिंदा कारतूस सहित तीन शातिर बदमाशों को तीन पिस्टल सहित रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन बदमाशों को उस समय गिरफ्तार किया है जब ये बदमाश बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले थे। पकड़े गए शातिर बदमाशों में दो जबलपुर के रहने वाले हैं और एक देवरीटीका थाना धनौरा निवासी बताया जा रहा है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए बदमाशों के खिलाफ धारा 25 (1) आर्म्स एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने तीन बदमाशों को अलग-अलग जगह से घेराबंदी करके पकड़ा है।
तलाशी ली तो निकली माउजर फूल लोडेड-कोतवाली पुलिस ने बताया की मुखबिर से सूचना मिली कि जबलपुर के शातिर बदमाश अपने पास अवैध हथियार लिए सिवनी में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। कोतवाली थाने के सहायक उपनिरीक्षक प्रमोद भरद्वाज,सहायक उपनिरीक्षक डीआर शरणागत,सहायक उपनिरीक्षक बीएस प्रजापति,आरक्षक योगेश, मनीराम,राजेन्द्र, परवेज,अभिराज ठाकुर,नीरज,जितेश और मनोज ने जबलपुर रोड स्थित सांई मंदिर के पास घेराबंदी करके एक युवक को पकड़ा। पूछताछ पर उसने अपना नाम मोहित यादव निवासी फूटाताल थाना हनुमानताल जबलपुर बताया। तलाशी के दौरान पुलिस को उसके पास एक माउजर फुल लोडेड पाई गई। पुलिस ने बताया कि जब उससे अन्य साथियों के बारे में पूछताछ की गई तो उसने अपने दो अन्य साथी को बबरिया रोड में होना बताया।पुलिस जब बबरिया रोड डालडा फैक्ट्ररी के पास पहुंची तो एक युवक पुलिस को देखकर भागने लगा। पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ा तलाशी में उसके पास से एक माउजर तथा जिंदा कारतूस बरामद किए गए। नाम पता पूछने पर अपना नाम सददाम कुरैशी निवासी देवरीटीका थाना धनौरा जिला सिवनी का बताया तथा तीसरा साथी बबरिया रोड में मिला। जिसने अपना नाम यषवंत उर्फ यश कुशवाह निवासी रांझी फरौदी थाना रांझी जिला जबलपुर का बताया। तलाषी लेने पर उसके पास भी एक माउजर तथा जिंदा कारतूस बरामद किये गए। तीनों बदमाषो को गिरफतार कर थाना लाया गया। आरोपीयों के विरूद्ध धारा 25 (1) आर्म्स एक्टका अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है।
जिले में बढ़ रही असमाजिक गतिविधियां-
भले ही कोतवाली पुलिस को वारदात से पहले ही तीन शातिर बदमाश पिस्टल सहित रंगे हाथ पकड़ा गए हैं। पुलिस इन्हें पकड़कर बेहद खुश औरबड़ी सफलता मान रही है लेकिन आरोपियों के जिंदा कारतूस और माउजर लेकर घूमने से जिले में बढ़ती असामाजिक गतिविधियों से इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं कई थानों की पुलिस और उनके मुखबिर तंत्र को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं।