बरघाट, सिवनी (एस. शुक्ला)। मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत पंचशील सीएलएफ (CLF) बरघाट की वार्षिक सभा 16 सितम्बर को मंगल भवन में धूमधाम से सम्पन्न हुई। इस बैठक में न केवल पिछले वर्ष की उपलब्धियों का बखान किया गया बल्कि आगामी वर्ष की कार्ययोजना पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक का शुभारंभ सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुआ, जहां समूह की महिलाओं और बच्चों की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। इसके बाद मंच पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले पदाधिकारियों, सीआरपी और बैंक सखी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम
सभा के दौरान तय किया गया कि समूह की पात्र महिलाओं को शासन की योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि ग्रामीण अंचल की महिलाएं सीधे लाभान्वित होकर आत्मनिर्भर बन सकें।
जनपद अधिकारी और विकासखंड प्रबंधक ने भी कार्यक्रम में शिरकत की और अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे सीएलएफ मॉडल के जरिए शासन की योजनाएं गांव-गांव तक पहुंच रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाएं अब केवल लाभार्थी नहीं बल्कि योजनाओं की संचालक और प्रेरक शक्ति भी बन रही हैं।
सीएलएफ की बढ़ती ताकत
बैठक में यह तथ्य भी सामने आया कि वर्तमान में सीएलएफ से
- 23 संगठन
- 347 महिला समूह
- और 4268 परिवार
सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।
इन समूहों के माध्यम से समय-समय पर शासन की योजनाओं की जानकारी दी जाती है और लाभ दिलाने की प्रक्रिया निरंतर जारी रहती है। नतीजा यह है कि जिले के हर विकासखंड में हजारों महिलाएं समूह से जुड़कर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं।
महिलाओं की बदली तस्वीर
ग्रामीण महिलाओं ने अब केवल परिवार ही नहीं, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी अपनी मजबूत पहचान बनाई है। सभा में मौजूद सदस्याओं ने गर्व के साथ कहा कि सीएलएफ संगठन से जुड़कर उन्हें नई दिशा और आत्मनिर्भरता की राह मिली है।
बरघाट की यह वार्षिक सभा सिर्फ एक बैठक नहीं थी, बल्कि महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का उत्सव बनकर सामने आई। यहां लिए गए प्रस्तावों से यह साफ है कि आने वाले वर्ष में महिला स्व-सहायता समूहों की ताकत और भी बढ़ेगी और ग्रामीण अंचल की महिलाएं विकास की नई इबारत लिखेंगी।