नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG 2025) में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के कान्हीवाड़ा के होनहार छात्र उत्कर्ष अवधिया ने 99.9999095 पर्सेंटाइल के साथ ऑल इंडिया रैंक (AIR) 2 प्राप्त कर पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। मात्र कुछ अंकों के अंतर से वे टॉपर की रैंक से चूक गए, लेकिन उनकी उपलब्धि अपने आप में एक मिसाल है।
उत्कर्ष अवधिया की पृष्ठभूमि और पारिवारिक सहयोग
उत्कर्ष अवधिया, जो पिछले 10 वर्षों से इंदौर में रह रहे हैं, एक मध्यमवर्गीय सहायक परिवार से आते हैं। उनके पिता आलोक अवधिया, एचडीएफसी बैंक में शाखा प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं, जबकि उनकी माँ आशी अवधिया एक गृहिणी हैं। उनके परिवार में एक छोटा भाई भी है जो अभी स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रहा है।
परिवार ने न सिर्फ आर्थिक रूप से, बल्कि भावनात्मक रूप से भी उत्कर्ष को हर मोड़ पर सहयोग प्रदान किया। यही सहयोग उनकी लगातार तैयारी और मानसिक मजबूती का आधार बना।
कक्षा 11 से शुरू हुई NEET की केंद्रित तैयारी
उत्कर्ष ने बताया कि उन्होंने कक्षा 10 में ही कोचिंग क्लास जॉइन कर ली थी, लेकिन उनकी गंभीर और केंद्रित NEET तैयारी वास्तव में कक्षा 11 से शुरू हुई। उन्होंने साफ तौर पर कहा,
“मैंने अपनी तैयारी को NCERT पुस्तकों पर केंद्रित रखा। कोई भी विषय हो, उसका मूल NCERT से समझना मेरे लिए प्राथमिकता थी।”
उनकी यह रणनीति आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में बेहद कारगर साबित हुई। जहां कई छात्र ढेर सारी किताबों में उलझ जाते हैं, उत्कर्ष ने सरलता, गहराई और नियमितता को अपनी रणनीति का मूल बनाया।
उत्कृष्ट अनुशासन और दैनिक दिनचर्या का पालन
NEET UG जैसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए अनुशासन अनिवार्य होता है। उत्कर्ष ने अपनी दिनचर्या को सटीकता के साथ निभाया। वे प्रत्येक दिन सुबह 5:30 से 6:00 बजे के बीच उठते थे और दिन की शुरुआत पढ़ाई से करते थे।
उनकी एक दिन की रूटीन इस प्रकार थी:
- सुबह 5:30 – 6:00 बजे: उठना और 1-2 घंटे पढ़ाई
- सुबह 8:00 – दोपहर 2:00 बजे: कोचिंग क्लास में गहन अध्ययन
- दोपहर बाद: नोट्स की समीक्षा और विषयवार रिवीजन
- शाम: मानसिक ताजगी के लिए वॉलीबॉल या बैडमिंटन खेलना
- रात: मॉक टेस्ट एनालिसिस और अगले दिन की योजना बनाना
उनकी यह संतुलित जीवनशैली न केवल उन्हें मानसिक रूप से स्थिर बनाती थी, बल्कि तनावमुक्त पढ़ाई में भी मदद करती थी।
पढ़ाई में आनंद और आत्म-प्रेरणा
उत्कर्ष का कहना है कि उन्हें पढ़ाई से असली आनंद आता था। उनका पढ़ाई के प्रति ऐसा प्रवाह और समर्पण था कि उन्हें समय का अहसास ही नहीं होता। उन्होंने कहा,
“मैं अपने लक्ष्य को लेकर इतना समर्पित था कि किसी बाहरी दबाव की आवश्यकता नहीं थी। मेरी आत्म-प्रेरणा ही मेरी सबसे बड़ी ताकत बनी।”
मॉक टेस्ट और पिछले साल के पेपर का महत्व
उत्कर्ष ने अपनी सफलता का बड़ा श्रेय मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को दिया। नियमित रूप से मॉक टेस्ट देने से न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ा बल्कि उन्होंने अपनी कमजोरियों को समय रहते पहचान कर उन्हें दूर किया।
वे कहते हैं,
“मैं हर टेस्ट से पहले अपने कमजोर टॉपिक्स को चिन्हित करता था और उन्हें सॉल्व करने के लिए एक शेड्यूल बनाता था। यह नियमितता ही मुझे टॉप रैंक तक लेकर आई।”
रिवीजन की रणनीति और प्लानर की भूमिका
उत्कर्ष ने परीक्षा से पहले 2 से 3 बार सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का रिवीजन किया। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान द्वारा दिए गए साप्ताहिक प्लानर और स्वयं बनाए गए रिवीजन शेड्यूल ने उन्हें हर विषय पर पकड़ बनाए रखने में मदद की।
उन्होंने NEET के इच्छुक उम्मीदवारों को सुझाव देते हुए कहा,
“यदि आपका संस्थान विस्तृत योजना नहीं देता है, तो खुद का एक रिवीजन प्लान तैयार करें और उसे सख्ती से फॉलो करें। यही आपकी नींव मजबूत करेगा।”
भविष्य के NEET उम्मीदवारों के लिए उत्कर्ष की सलाह
पहली बार परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए:
- NCERT पर पकड़ मजबूत करें
- कक्षा के लेक्चर में अधिकतम ध्यान दें
- टॉपिक वाइज टेस्ट दें
- समय का मैनेजमेंट सीखें
रीअटेम्प्ट करने वाले छात्रों के लिए:
- पिछली गलतियों का गहन विश्लेषण करें
- केवल आवश्यक टॉपिक्स पर फोकस करें
- मेंटल ब्लॉक्स को दूर करें
- अभ्यास और मॉक टेस्ट को गंभीरता से लें
उत्कर्ष अवधिया की सफलता की कुंजी
तत्व | विवरण |
मुख्य संसाधन | NCERT पुस्तकें, मॉक टेस्ट, पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र |
अनुशासन | नियमित दिनचर्या, संतुलित जीवनशैली |
समर्थन प्रणाली | परिवार, कोचिंग, आंतरिक प्रेरणा |
टाइम मैनेजमेंट | पढ़ाई और मनोरंजन के बीच संतुलन |
फोकस क्षेत्र | रिवीजन, टेस्ट एनालिसिस, आत्म-अवलोकन |
उत्कर्ष अवधिया की सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि दृढ़ निश्चय, योजना, अनुशासन और आत्म-प्रेरणा के बल पर कोई भी छात्र NEET जैसी कठिन परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त कर सकता है। उनके अनुभव और रणनीतियाँ हर उस छात्र के लिए अमूल्य हैं जो NEET UG 2026 या आगामी वर्षों की तैयारी में लगा हुआ है।