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सिवनी के बरघाट में रिटायर्ड फौजी की 10 एकड़ जमीन के साथ फर्जीवाडा

By SHUBHAM SHARMA

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Fraud with 10 acres of land of a retired soldier in Barghat, Seoni
भूदान में मिली जमीन की बिक्री ने पकड़ा तूल, रिटायर्ड फौजी को मिली थी भूदान में जमीन

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Seoni Barghat News: बरघाट जनपद के ग्राम धोबी सर्रा में हाल ही में भूदान में मिली जमीन की बिक्री का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। यह मामला तब सामने आया जब ग्रामीणों और सरपंच ने राजस्व विभाग पर गंभीर आरोप लगाए।

रिटायर्ड फौजी ए. के. क्रिश्चियन को कई दशक पहले भूदान के तहत दस एकड़ जमीन मिली थी। यह जमीन अब बंजर अवस्था में है, लेकिन हाल ही में इसका विक्रय किया गया है। सरपंच और ग्रामीणों का आरोप है कि फर्जी वारिस बनाकर इस जमीन की बिक्री की गई है, जबकि रिटायर्ड फौजी की दो संतानें ही थीं, जो अब लापता हैं।

फर्जी वारिस बनकर बेची गई जमीन

यह मामला इसलिए और भी गंभीर हो गया है क्योंकि फर्जी वारिसों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करवाई गई है। ग्रामीणों का कहना है कि रिटायर्ड फौजी की मृत्यु के बाद उसके वास्तविक वारिसों का कोई अता-पता नहीं है, फिर भी राजस्व रिकॉर्ड में अन्य व्यक्तियों को वारिस के रूप में दर्ज कर दिया गया। ऐसे में यह सवाल उठता है कि यह फर्जी वारिस कहां से आ गए और किसकी मिलीभगत से यह सारा खेल हुआ?

दस एकड़ बंजर जमीन का है मामला

यह मामला दस एकड़ बंजर जमीन का है, जिसे भूदान के तहत रिटायर्ड फौजी को दिया गया था। फौजी ने इस जमीन का कभी उपयोग नहीं किया और यह जमीन वर्षों से बंजर स्थिति में पड़ी थी। इस जमीन पर महुआ और अन्य पेड़ों के साथ-साथ धान की खरीदी भी होती रही है। ग्रामीणों के अनुसार, इस जमीन के चारों ओर सरकारी रकबे भी मौजूद हैं, जो राजस्व रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से दर्ज हैं। ऐसे में यह मामला और भी संदिग्ध हो जाता है।

सरपंच और ग्रामीणों की मांग

ग्राम धोबी सर्रा के सरपंच और ग्रामीणों ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने राजस्व विभाग से जमीन की बिक्री को निरस्त करने और फर्जी वारिसों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इसके अलावा, इस मामले में न्यायालय में प्रकरण दर्ज करने की भी योजना बनाई जा रही है ताकि दोषियों को सजा मिल सके और जमीन की बिक्री को अवैध घोषित किया जा सके।

क्या भूमि बिक्री हेतु कलेक्टर से ली गई अनुमति?

सरकार के नियमों के अनुसार, भूदान में मिली या सरकार द्वारा आवंटित जमीन की बिक्री के लिए कलेक्टर की अनुमति लेना अनिवार्य है। लेकिन, इस मामले में यह साफ नहीं है कि क्या कलेक्टर से कोई अनुमति ली गई थी या नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि जमीन के विक्रय के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई और यह बिक्री पूरी तरह से अवैध है। इससे स्पष्ट होता है कि राजस्व विभाग की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं था।

शासकीय जमीन की खरीद-बिक्री पर भूमाफिया सक्रिय

बरघाट विकासखंड में भूमाफियाओं का मकड़जाल तेजी से फैल रहा है। शासकीय जमीनों पर अवैध कब्जे और उनकी बिक्री बड़े पैमाने पर जारी है। इस मामले में भी भूमाफियाओं का हाथ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों का कहना है कि सिवनी-बालाघाट रोड से लगी शासकीय जमीनें भी निजी स्वामित्व में संशोधित कर महंगे दामों पर बेची जा रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है, जिससे भूमाफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।

प्रशासन की भूमिका पर सवाल

इस पूरे मामले में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। राजस्व रिकॉर्ड में फर्जी वारिसों के नाम दर्ज होना और बिना कलेक्टर की अनुमति के जमीन की बिक्री होना, यह स्पष्ट करता है कि प्रशासन की ओर से लापरवाही या मिलीभगत का मामला हो सकता है। ग्रामीणों और सरपंच का कहना है कि प्रशासन को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

ग्राम धोबी सर्रा में भूदान में मिली जमीन की बिक्री का मामला कई गंभीर सवाल खड़े करता है। रिटायर्ड फौजी की मृत्यु के बाद फर्जी वारिसों के नाम पर जमीन की बिक्री, बिना कलेक्टर की अनुमति के विक्रय, और प्रशासन की भूमिका पर उठ रहे सवाल इस मामले को और भी पेचीदा बनाते हैं। ग्रामीणों और सरपंच की मांग है कि इस मामले की गहन जांच हो और दोषियों को सजा मिले, ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न हो।

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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